आज अखबार में एक खबर पढ़ी कि-''चर्चाओं में ऐश का फिगर ''.खबर में बताया गया है की ऐश के बढे वजन को लेकर कुछ लोगों ने इसे एक सदमा करार दिया है .कैसी मनोवृति है हमारी ?क्या आज भी आप ऐश को केवल अपना मनोरंजन करने वाली एक अभिनेत्री मानते हैं ?वो एक छः माह की बेटी की माँ हैं .क्या उनका कर्तव्य केवल आपके आकर्षण का केंद्र बने रहना होना चाहिए .हमारे लिए यह एक सदमा नहीं एक राहत की खबर है कि हमारी प्रिय अभिनेत्री वास्तविक जीवन में एक सफल माँ का किरदार निभा रही है .सदमा हम तब कह सकते थे जब वो बेटी को जन्म देते ही फिल्मों की ओर रूख कर लेती .ऐश को भावी जीवन में खूब खुशियाँ मिले हम तो यही चाहेंगें .
शिखा कौशिक
[विचारों का चबूतरा ]
6 टिप्पणियां:
wah shikhaji!
apki rachnan hameha jeevan ke katu satya ko darshati hain
apki himmat ko salam.
सही कहा..सटीक कहा..शिखा जी..
शिखाजी,.आपने सही कहा.ऐश को भावी जीवन में खूब खुशियाँ मिले हम तो यही चाहेंगें ......
MY RECENT POST.....काव्यान्जलि.....:ऐसे रात गुजारी हमने.....
सही कहा है आपने | बहरी तत्वों के चक्कर में हम कभी कभी वास्तविक जीवन को भूल ही जाते हैं |
छोटे बच्चों को माँ की जरुरत अधिक होती है , ख़ुशी है कि सफल अभिनेत्री ने भी इस को समझा !
वैसे देखा जाये तो यह एश जैसे अभिनेत्री,विश्वसुंदरी के चाहने वालों के लिए एक तरह का झटका ही है क्यूंकि एश के चाहने वालों ने उसे चाह ही उसकी खूबसूरती के लिए था जहां भावनात्म दृष्टि का कोई मोल ही नहीं था तो अब जब वो अपनी सुंदर को माँ में बदल चुकी हैं और माँ का स्वरूप तो हमेशा ही सुंदर होता है। लेकिन इसे इस दृष्टि से सभी लोग कहाँ देख पाते है तो इसके चलते उनके चाहने वाले उनकी पहले वाली सुंदर का नष्ट होना कैसे बरदाश कर सकते हैं उनके प्रशांशकों के लिए तो यह एक प्रकार का झटका ही हुआ ना।
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