शीश नवायेंगें मैया को ;दर पर चलकर जायेंगे ,
मैया तेरे आशीषों से खुशियाँ खुलकर पायेंगें .
[मेरा भजन मेरे स्वर में ]
हर बेटी में रूप है माँ का इसीलिए पूजे मिलकर ;
सफल सभ्यता तभी हमारी बेटी रहेगी जब खिलकर ;
हम बेटी को जीवन देकर माँ का क़र्ज़ चुकायेंगे .
मैया तेरे आशीषों से खुशियाँ खुलकर पायेंगें .
जय माता दी !
शालिनी कौशिक
[कौशल ]
3 टिप्पणियां:
sunder prastuti.abhar
जय माता जी!
jai mata di .
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