मुझे लगता है मुझे याद कर माँ मुस्कुराई !
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हूँ घर से दूर मेरे होंठों पर हंसी आई ;
मुझे लगता है मुझे याद कर माँ मुस्कुराई .
मैं घर से निकला सिर पर बड़ी सख्त धूप थी ;
तभी दुआ माँ की घटा बन कर घिर आई .
मुझे अहसास हुआ माँ ने मुझे याद किया ;
मुझे यकीन हुआ जब मुझे हिचकी आई .
मेरे कानों में अनायास ही बजने लगी शहनाई ;
मेरी तस्वीर देख माँ थी शायद गुनगुनाई .
मिली जब कामयाबी तेज हवा छू कर निकली ;
मेरी माँ की तरफ से पीठ मेरी थपथपाई .
मैं जाती जब भी माथा टेकने मंदिरों में ;
मुझे भगवान में देती है मेरी माँ दिखाई .
5 टिप्पणियां:
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
बहुत प्यारे माँ के लिए ये एहसास काश हर बच्चे के दिल में माता पिता के जीते जी ये भावनाएं हो तो कोई जरूरत नहीं वृधाश्रम खोलने की ...बहुत अच्छी प्रस्तुति
shastri ji ,ravikar ji v rajesh ji -aap sabhi ka hardik dhanyvad
मुझे अहसास हुआ माँ ने मुझे याद किया ;
मुझे यकीन हुआ जब मुझे हिचकी आई .
बहुत खूबसूरत
मुझे अहसास हुआ माँ ने मुझे याद किया ;
मुझे यकीन हुआ जब मुझे हिचकी आई .
इन पंक्तियों ने नि:शब्द कर दिया ... बहुत ही अच्छी प्रस्तुति।
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