शनिवार, 25 अगस्त 2018

राखी बांधने का मकसद

मेरे भईया
प्यारे से भईया
ये बांधी है
कोमल सी, नरम सी
डोरी तुम्हारी मजबूत कलाई पर,
अपनी रक्षा के लिए कतई नहीं,
बल्कि तुम्हें ये स्मरण कराते रहने के लिए
कि जब भी किसी गैर लड़की को देखकर
तुम्हारे ह्रदय में उठे वासना का तूफान,
तभी इस पर नज़र पड़ते ही ये सोचकर
रूक जाना, हो जाना सावधान कि कहीं
तुम्हारी बहन भी किसी दिन, किसी जगह, फंसी हुई
किसी और पुरूष के चंगुल में
दे रही हो इज्जत बचाने का इम्तिहान!!! 

बुधवार, 22 अगस्त 2018

नंगी हो रही औरत हर ओर है!!!


1-नारी सशक्तिकरण
का ये कैसा दौर है,
करना था नंगा
पुरुष की दंभी सोच को
पर हो रही नंगी औरत
हर ओर है!!!

2-
पुरूष की अहम
पिपासा निराली है,
जो खींचते हैं हाथ
भरे दरबार
द्रौपदी के चीर,
घूंघटों में रखते
अपनी घरवाली हैं!!!

3 -
कृतज्ञता ज्ञापित
करने में नहीं चुकाना
पड़ता है पैसा
फिर भी कुछ घमंडी
नहीं हो पाते कृतज्ञ
किसी के भी प्रति,
निश्चित रूप में
वे हैं प्रभु की
निकृष्टतम कृति!

4-
आपकी एक मुस्कान
कर  देती है
दृष्टा का ह्रदय प्रफुल्ल,
और उसकी प्रफुल्लता
बन मिश्री
जीवन में जाती घुल!

5-
टुकड़े टुकड़े
कर दिये
लड़की के जिस़्म के,
प्रेम की हैवानियत
या
हैवान का ये प्रेम?

6
मर्द की मर्दानगी
को है नहीं बर्दाश्त
वो प्रेम निवेदन करे
और औरत करे इंकार,
इस बेइज्जती ने
दिल में ऐसी लगाई आग
झुलसा दिया औरत को
फेंक कर तेजाब.

7-
आज के हर मर्द को
एक पीड़ा सालती,
कठपुतलियां
नहीं क्यों  इशारों पे
नाचती?

8-
मैडम के मातहत है
दफ्तर के जितने मर्द,
इस  राय को मिला है
एकमत से बहुमत
मैडम का चरितर
जाने खुदा जाने,
वैसे वे रवैया
रखती हैं बहुत सख्त!