मंगलवार, 22 मई 2012

कुत्तों को खिला देता था कन्या भ्रूण

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मुंबई।। हरियाणा के यमुनानगर में एक महिला डॉक्टर द्वारा अबॉर्शन के बाद कन्या भ्रूण को टाइलेट में फ्लश करने के बाद उससे भी भयावह मामला सामने आया है। महाराष्ट्र के बीड में एक ऐसे ही 'डॉक्टर डेथ' का पता चला है, जो कन्या भ्रूण के अबॉर्शन के बाद सबूत मिटाने के लिए उसे अपने कुत्तों को खिला देता था।

बीड के परली तहसील में क्लिनिक चलाने वाले डॉक्टर सुंदम मुंडे पर आरोप है कि कन्या भ्रण के अबॉर्शन के सबूत मिटाने के लिए फिटिसाइड को अपने पालतू कुत्तों को खिला देते हैं। राज्य के स्वास्थ्य विभाग को इसके सबूत भी मिले हैं। इस मामले में डॉक्टर के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।

आरोपी डॉक्टर मुंडे के खिलाफ शुरुआती जांच में कन्या भ्रूण की हत्या और उसे कुत्तों को खिलाने के सबूत मिलने के बाद स्वास्थ्य मंत्री ने क्राइम ब्रांच से मामले की जांच करने के लिए कहा है। ऐसा पहली बार है जब प्रसव पूर्व जांच तकनीक (पीएनडीटी) कानून के तहत दर्ज आरोपी के खिलाफ जांच पुलिस नहीं बल्कि क्राइम ब्रांच करेगी।

गौरतलब है कि महाराष्ट्र का बीड वह इलाका है जहां चाइल्स सेक्स रेशियो सबसे बदतर है। 2011 की जनगणना के अनुसार, यहां एक हजार लड़कों पर मात्र 801 लड़कियां हैं।

6 महीने की प्रेगनेंट 28 वर्षीय विजयमाला पाटेकर को 18 मई को डॉ. मुंडे के अबॉर्शन क्लिनिक में ऐडमिट कराया गया था, जहां अबॉर्शन प्रक्रिया के दौरान उसकी मौत हो गई थी। सूत्रों के अनुसार, पाटेकर की चार बेटियां पहले से ही थीं और वह फिर से बेटी नहीं चाहती थीं। कन्या भ्रूण हत्या के एक और मामले में दो साल पहले डॉ. मुंडे का लाइसेंस रद्द किया जा चुका है। डॉ. मुंडे और उनकी पत्नी डॉ. सरस्वती मुंडे के खिलाफ आईपीसी के दो धाराओं के साथ-साथ पीसीपीएनडीटी ऐक्ट के तहत मामले दर्ज किए गए हैं। क्राइम ब्रांच से यह भी जांच करने के लिए कहा गया है कि लाइसेंस रद्द होने के बाद किसी आधार पर मुंडे दंपती क्लिनिक चला रहे थे और इसके लिए उन्हें इजाजत किस आधार पर और कहां से मिली।

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री सुरेश शेट्टी ने हमारे सहयोगी अखबार मुंबई मिरर से कहा कि वह इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं। उन्होंने कहा, एक अधिकारी ने बताया कि डॉ. मुंडे के पास चार पालतू कुत्ते हैं और अबॉर्शन करने के बाद सबूत मिटाने के लिए डॉक्टर इन्हीं कुत्तों को भ्रूण खिला देता है। शेट्टी ने बताया, दो साल पहले हेल्थ डिपार्टमेंट ने भ्रूण लिंग जांच करने और गैर-कानूनी तरीके से अबॉर्शन करने के लिए डॉक्टर की सोनोग्रफी मशीन सील कर दी थी और क्लिनिक चलाने का लाइसेंस कैंसल कर दिया था। इसके बावजूद वह प्रैक्टिस जारी रखे हुए है।

बीड के एसपी दत्तात्रे मांडिक ने कहा, 'आरोपी डॉक्टर के खिलाफ पहले भी दो-तीन मामले दर्ज हैं और डॉक्टर पर आईपीसी की धारा 304ए और 201 के तहत नए केस दर्ज किए गए हैं। हम कुत्तों को भ्रूण खिलाने की रिपोर्ट्स की भी जांच कर रहे हैं।'

गौरतलब है कि 2 साल पहले एक एनजीओ 'लेख लड़की अभियान' द्वारा करवाए गए एक स्टिंग ऑपरेशन में पकड़े गए थे। एनजीओ की अध्यक्ष वर्षा देशपांडे ने कहा कि लाइसेंस रद्द होने और मशीन सील होने के बावजूद एक साल के अंदर-अंदर दोनों ने फिर प्रैक्टिस शुरू कर दी। उन्होंने बताया कि इसके बाद एक और घटना में उनकी बाड़ी से भ्रूण मिलने पर जून 2011 में डॉक्टर दंपती पर केस दर्ज हुआ था।

गौरतलब है कि कुछ दिन पहले यमुनानगर में स्वास्थ्य विभाग और रेडक्रॉस की टीम ने भ्रूण हत्या रैकिट पकड़ा था। रेड से कुछ देर पहले ही तीन महीने की गर्भवती महिला का अबॉर्शन करके भ्रूण टॉइलेट के फ्लश में बहा दिया गया था। पुलिस ने आरोपी महिला डॉक्टर को गिरफ्तार किया था। डॉक्टर के पास जो डिग्री थी उस पर वह सिर्फ महिलाओं का इलाज कर सकती थी गर्भपात नहीं। इतना ही नहीं, उसके क्लिनिक पर काम करने वाले एक कर्मचारी ने बताया था कि वहां अबॉर्शन के बाद भ्रूणों को टॉइलेट में बहा दिया जाता था।

हाल ही में टीवी पर शुरू हुए ऐक्टर आमिर खान के शो 'सत्यमेव जयते' के पहले ऐपिसोड में कन्या भ्रूण हत्या का मुद्दा उठेने के बाद देशभर में इस पर काफी चर्चा हो रही है।
Source : Pyari Maa Blog

11 टिप्‍पणियां:

Rajesh Kumari ने कहा…

ओह माई गोड .....कितनी भयावह दिल दहला देने वाली घटना ..फांसी होनी चाहिए उस दंपत्ति को

Shikha Kaushik ने कहा…

rajesh ji ne sahi kaha hai -फांसी होनी चाहिए उस दंपत्ति को

रविकर ने कहा…

मुंडे डाक्टर मारता, गर्भ-स्थिति नव जात |
कुक्कुर को देवे खिला, छी छी छी हालात |

छी छी छी हालात, काट के बोटी-बोटी |
मारो सौ सौ लात, भूत की छीन लंगोटी |

करिहै का कानून, अभी जब कातिल गुंडे |
रहम याचिका थाम, पाक ले छूटे मुंडे ||

Pallavi saxena ने कहा…

ऐसे लोगों के लिए तो फांसी बहुत ही आसान मौत होगी इन्हे मौत नहीं यातनाएं देने की ज़रूरत है।

DR. ANWER JAMAL ने कहा…

फांसी सरेआम हो और जल्दी हो लेकिन इसके लिए एक बड़ी तब्दीली की ज़रूरत है।
देखिए
http://ahsaskiparten.blogspot.com/2012/05/evil.html

Shanti Garg ने कहा…

बहुत बेहतरीन व प्रभावपूर्ण रचना....
मेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है।

Ayodhya Prasad ने कहा…

ऐसे राक्षस को तड़पा तडपा कर मारना चाहिए !!

virendra sharma ने कहा…

भ्रूण जीवी स्वान

ये कुत्ते कोई मामूली कुत्ते नहीं हैं साहब .ये डॉ .सुन्दम मुंडे के कुत्ते हैं .आप पूछेंगे ये मुंडे साहब कौन हैं ? ये साहब राजनीति के बिगडेल कुत्ते हैं .पेशे से डॉ कहलातें हैंबीड (महारष्ट्र )में इनका क्लिनिक है बड़ा सा आधुनिक साजो सामान से लैस .यहाँ गर्भस्थ भ्रूण की लैंगिक शिनाख्त से लेकर उसे ठिकाने लगाने के पूरे इंतजाम हैं .कोई माई का लाल इनका कुछ नहीं बिगाड़ सका है आज तक .इनका काम कसाइयों से भी बदतर है .व्यवस्था गत दोष है इनका हमारे समाज में होना पल्लवित होना .ये गर्भस्थ शिशु की चोरी छिपे लैंगिक जांच करतें हैं .लडकी होने पर माँ बाप (दम्पति )की सहमती से भ्रूण गिरा देतें हैं .इस अपराध में ये ज़नाब पहले भी धरे गए थे .लेकिन अपनी राजनीतिक बिसात के चलते खुला खेल फरुख्खाबादी खेलते रहे .

इस मर्तबा इन्होने ने एक छ :मासा गर्भस्थ को गिरा दिया .दुर्घटना यह हुई इस मर्तबा वह औरत भी मर गई जो यह धत कर्म करवाने आई थी .

कन्या भ्रूण के साथ खुद भी गई .भ्रूण को ये महाशय अपने पालतू कुत्तों को खिलाते आयें हैं ताकि कोई सनद न रहे .यह उस शर्मा का बाप निकला जिसने तंदूर काण्ड किया था .प्रेमिका के टुकड़े करके तंदूर में उसे जला दिया था .ताकि सनद न रहे .

यह मामला व्यक्ति गत गुणदोष का उत्ता नहीं है जित्ता राजनीतिक व्यवस्था गत गुण दोष का है .आज राजनीति में मंद बुद्धि बैठे हुएँ हैं जो अफज़ल गुरु के अपराध को ,कसाब की फांसी को और एक गुंडों से घिरी महिला के उस अपराध को जिसमे उसने अपनी आत्म रक्षा के लिए उन्हें मौत के घाट उतार दिया था एक ही तराजू से तौलते हुए राष्ट्र पति से सजा माफ़ी की बात करते हुए कहतें हैं फलां का नम्बर २८ है फलां २६ .

जब तक सामाजिक व्यवस्था चौकस चाक चौबंद नहीं होगी बीड काण्ड और शहरों में भी ऐसे ही होते रहेंगे .समाज ही इन्हें जहां ये हैं वहां ऐसी सजा दे सकता है जो न कोई क़ानून दे पा रहा है अपनी सुस्त चाल के चलते न राजनीतिक प्रबंध जो काग भगोड़ों के हाथ में आ गया .इटली से संचालित हो रहा है .

जब भी कोई ऐसी घटना घटती है मन गहरे अवसाद से भर जाता है .मन आक्रोश से उस राजनीतिक व्यवस्था के प्रति जिसके चलते अब व्यभिचारी शब्द का चलन ही प्रति -बंधित हो गया है .कोई किसी को आज व्यभिचारी नहीं कह सकता है .

यौन कर्मी है साहब वह .यौन खिलाड़ी है यौन क्रीडा कर रहा है .जो किसी मासूम के चेहरे पे तेज़ाब फैंके वह भी आज प्रेमी कहलाता है .फिर अपराधी कौन होता है भाई साहब ?कोई होता भी है या नहीं .सारी व्यवस्थाएं एक एक करके टूट रहीं हैं .

पहले कोई लडकी किसी छोटे से बालक या किसी बहुत अशक्त व्यक्ति के संरक्षण में भी बाहर निकलती थी तो एक सामाजिक भय होता था उसे तंग करने से पहले गुंडे मवाली हज़ार बार सोचते थे अब उसके साथ कोई भी हो वह सोचतें हैं इसे तो देख लेंगें .

जहां राजनीतिक व्यवस्था और प्रबंध चौपट हो जाता है वहां सबसे पहले सामाजिक व्यवस्था टूटती है .वर्जनाये एक एक करके टूटीं हैं .टूटती हैं संविधानिक संस्थाएं .इस दौर में यही हो रहा है .

व्यवस्था गत दोष है ऐसे शातिरों का सुन्दम मुंडों का समाज में पोषण प्राप्त करते रहना राजनीतिक तौर पर मुटियाते रहना .

सन्दर्भ -सामिग्री :-Gruesome twist in female foeticide case

Beed's Doc Death who fed foetuses to his dog

case given to crime branch after preliminary inquiry /MUMBAI MIRROR ,MAY 22,2012 ,LEAD STORY FRONT PAGE

virendra sharma ने कहा…

शुक्रिया शिखा जी .विचलित करता है यह मुद्दा चेतना काठ हो जाती है .
.कृपया यहाँ भी पधारें -

ये है बोम्बे मेरी जान (अंतिम भाग )
http://kabirakhadabazarmein.blogspot.in/
ये है बोम्बे मेरी जान (अंतिम भाग )
http://kabirakhadabazarmein.blogspot.in/2012/05/blog-post_22.html
ram ram bhai
मंगलवार, 22 मई 2012
:रेड मीट और मख्खन डट के खाओ अल्जाइ -मर्स का
http://veerubhai1947.blogspot.in/

virendra sharma ने कहा…

शुक्रिया शिखा जी .विचलित करता है यह मुद्दा चेतना काठ हो जाती है .
.कृपया यहाँ भी पधारें -http://www.blogger.com/blogger.g?blogID=3256129195197204259#editor/target=post;postID=5486531196555436675

ये है बोम्बे मेरी जान (अंतिम भाग )/भ्रूण जीवी स्वान
http://kabirakhadabazarmein.blogspot.in/
ये है बोम्बे मेरी जान (अंतिम भाग )
http://kabirakhadabazarmein.blogspot.in/2012/05/blog-post_22.html
ram ram bhai
मंगलवार, 22 मई 2012
:रेड मीट और मख्खन डट के खाओ अल्जाइ -मर्स का
http://veerubhai1947.blogspot.in/

डा श्याम गुप्त ने कहा…

----यह अति-भौतिकता के पीछे भागने के परिणाम हैं....मनुष्य का नैतिक पतन व अनाचार ...
----उन मां-बाप को क्या सजा देंगे जो यह कर्म पैसा देकर कराते हैं और समाज को गिराने का मूल कारण बनते हैं...
---जैसा वीरुभाई जी ने भी कहा यह शासन व समाज का भी पाप है...जो एसे डाक्टर्स/ सन्स्थाओं को संरक्षण देते हैं व उचित आवश्यक निगरानी नहीं रखते उन्हें कौन सजा देगा...