गुवाहाटी में पत्रकार गिरफ्तार..वाह रे पत्रकार ...
आखिर जो होना चाहिए था वो हो ही गया .नवभारत टाइम्स की वेबसाईट पर यह खबर पढ़ी तो दिल को तसल्ली हुई कि देश में अभी भी कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज है .आप भी पढ़ें यह खबर -
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निओग और उनके कैमरामैन ने इस पूरी घटना को कैमरे पर रेकॉर्ड किया था। विशेष जांच दल ने पहले ही विडियो फुटेज को फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है।''
पत्रकार कहलाने मात्र से कोई पत्रकार नहीं हो जाता .पत्रकारिता एक पावन कर्म है .पत्रकार समाज को दिशा प्रदान करता है उसे भ्रमित नहीं करता .इन छद्म पत्रकार महोदय से मैं इतना ही कहना चाहूंगी -
जैसा किया दुष्कर्म उसका मिल गया प्रतिफल ;
छोड़ छद्म पत्रकारिता अब जेल को तू चल ,
होगा वहां अब तेरा जोश से सत्कार
वाह रे पत्रकार ...वाह वाह रे पत्रकार .
मशहूर होने का तुझे शौक जबरदस्त ;
पी जेल का पानी अब रहना वहां मस्त ,
सब ओर यही चर्चा तू हुआ गिरफ्तार .
वाह रे पत्रकार ....
पत्रकार तुम नहीं तुम तो हो दलाल ;
कर रहे इस पेशे को बदनाम खुलेआम ,
सिर उठाकर चलने का तुमको न अधिकार .
वाह रे पत्रकार ...
तुमने किया जो कर्म उसे पाप कहते हैं ;
अस्मत लूटे किसी की चुप आप रहते हैं ,
अब लगने चाहियें तुम्हें जूते कई हज़ार .
वाह रे पत्रकार ....
आगे से कोई ऐसा कभी काम न करे ;
अंजाम तेरा देखकर थोडा तो सबक ले ,
सभ्य समाज का स्वप्न हो साकार .
वाह रे पत्रकार ...
शिखा कौशिक
[विचारों का चबूतरा ]
2 टिप्पणियां:
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