ये हवस की 'इंतिहा' है इससे ज्यादा क्या कहें ?
[Shocking: 20 men molest girl in Guwahati]
इंसानियत की निगाह में जुल्म ये संगीन है .
चैनलों को मिल गयी एक नयी ब्रेकिंग न्यूज़ ;
स्टूडियों में जश्न है मौका बड़ा रंगीन है .
अखबार में छपी खबर पढ़ रहे सब चाव से ;
पाठक भी अब ऐसी खबर पढने के शौक़ीन हैं .
ये हवस की इंतिहा' है इससे ज्यादा क्या कहें ?
कर न लें औरत को नंगा ये मर्द की तौहीन है .
बीहड़ बनी ग़र हर जगह कब तक सहेगी जुल्म ये ;
कई और फूलन आएँगी पक्का मुझे यकीन है .
6 टिप्पणियां:
बीहड़ बनी ग़र हर जगह कब तक सहेगी जुल्म ये ;
कई और फूलन आएँगी पक्का मुझे यकीन है .
बहुत सही bat aapne kavyatmak swaroop me prastut kee hai .
ऐसा हादसा कभी न हो
नैतिक पतन हो गया है इंसान का...
इम्तिहां ....का अर्थ तो इम्तिहान यानी परीक्षा होता है....
---मेरे विचार से यह 'इंतिहा' होना चाहिए ..अर्थात हद ...सीमा...
बहुत खूब...
शर्मिंदगी का एहसास जब तक न होगा....
तब तक ये समाज ऐसे ही रहेगा...
मजेदार बार तो ये है कि इनके पास मर्दानगी दिखने के लिए औरत ही मिलती है...चाहे घर हो या सड़क पे....!!
इस तरह की घृणित सोच या घृणित कृत्य कोई मानसिक रूप से गिरा हुआ इंसान रख सकता है...!
बहुत खूब...
शर्मिंदगी का एहसास जब तक न होगा....
तब तक ये समाज ऐसे ही रहेगा...
मजेदार बार तो ये है कि इनके पास मर्दानगी दिखने के लिए औरत ही मिलती है...चाहे घर हो या सड़क पे....!!
इस तरह की घृणित सोच या घृणित कृत्य कोई मानसिक रूप से गिरा हुआ इंसान रख सकता है...!
hardik dhanyvad aap sabhi ka .
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