शनिवार, 7 अप्रैल 2012

ममता का विश्वास, सबल अबला है माई-

यहाँ तो करनी ही पड़ेगी टिप्पणी-

मन विकसित न हो सका,  तन का हुआ विकास ।
बीस साल से ढो रहा, ममता  का विश्वास । 


ममता  का विश्वास, सबल अबला है माई ।
नब्बे के.जी. भार, उठा के बाहर लाई  ।

रविकर वन्दे मातु , उलाहन देता भगवन ।
तुझसे मातु महान, ठीक न करता तन मन ।।

14 टिप्‍पणियां:

bhuneshwari malot ने कहा…
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bhuneshwari malot ने कहा…
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bhuneshwari malot ने कहा…
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bhuneshwari malot ने कहा…
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bhuneshwari malot ने कहा…

aabhar bahut sunder rachana. maa anmol h.

bhuneshwari malot ने कहा…
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virendra sharma ने कहा…

मंद बुद्धि बालकों की परवरिश एक बहुत बड़ा काम है .

babanpandey ने कहा…

ममता का विश्वास, सबल अबला है माई ।
नब्बे के.जी. भार, उठा के बाहर लाई ।
waah ravikar bhai

Unknown ने कहा…

अच्छी प्रस्तुति,

रविकर ने कहा…

THANKS

Surendra shukla" Bhramar"5 ने कहा…

प्रिय रविकर जी -इस ममता मय दृश्य को आप ने प्यार दिया निखार दिया सलाम माँ की ममता को - आभार
जय श्री राधे
भ्रमर ५

रविकर ने कहा…

aabhaar

डा श्याम गुप्त ने कहा…

-----nothing is not to believe if there is a MOTHER around...

रविकर ने कहा…

aabhaar