यहाँ तो करनी ही पड़ेगी टिप्पणी-
मन विकसित न हो सका, तन का हुआ विकास ।
बीस साल से ढो रहा, ममता का विश्वास ।
बीस साल से ढो रहा, ममता का विश्वास ।
ममता का विश्वास, सबल अबला है माई ।
नब्बे के.जी. भार, उठा के बाहर लाई ।
रविकर वन्दे मातु , उलाहन देता भगवन ।
तुझसे मातु महान, ठीक न करता तन मन ।।
14 टिप्पणियां:
aabhar bahut sunder rachana. maa anmol h.
मंद बुद्धि बालकों की परवरिश एक बहुत बड़ा काम है .
ममता का विश्वास, सबल अबला है माई ।
नब्बे के.जी. भार, उठा के बाहर लाई ।
waah ravikar bhai
अच्छी प्रस्तुति,
THANKS
प्रिय रविकर जी -इस ममता मय दृश्य को आप ने प्यार दिया निखार दिया सलाम माँ की ममता को - आभार
जय श्री राधे
भ्रमर ५
aabhaar
-----nothing is not to believe if there is a MOTHER around...
aabhaar
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