एंजोलिना जोली अमेरिका की एक ख्यातनाम अभिनेत्री है उन्होंने एक परिक्षण में पाया की उनके शरीर में एक जीन बी आर सी १ है जिसकी वजह से उन्हें ब्रेस्ट केंसर की सम्भावना 87% तक बढ़ गयी है उन्होंने मेस्तेक्टोमी ( स्तन हटवाने की शल्य क्रिया ) द्वारा स्तन हटवा लिया जिससे उनमे केंसर की सम्भावना ५% रह गयी .
इस बात को लेकर सिर्फ अमेरिका में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में एक बहस शुरू हो गयी की उनका ये निर्णय सही है या गलत . न्यूयार्क टाइम्स के संपादक ने भी लिखा है की ये उनका निर्णय है जो पूरे अमेरिका की महिलाओं का सच नहीं बन सकता .
दरअसल एंजोलिना एक अमीर महिला हैं उन्होंने अपनी माँ को केंसर से लड़ते और मरते देखा जिसने स्वाभाविक रूप से उन गहरा प्रभाव छोड़ा अब वे अपने बच्चों के लिए चिंतित हैं और नहीं चाहतीं कि उनके बच्चों की माँ उन्हें वक्त से पहले छोड़ कर चली जाए .अपने बच्चों की स्वाभाविक जिंदगी सुनिश्चित करने के लिए ही उन्होंने इतना बड़ा कदम उठाया .
अब इस बात पर बहस छिड़ी हुई है की उनका ये कदम सही है ,प्रचार पाने का जरिया है या उस महंगा इलाज़ को अफोर्ड कर पाने का तमाशा उन लाखों करोड़ों महिलाओं का उपहास है जो इसे अफोर्ड नहीं कर पातीं और सालों केंसर से जूझते या कम उम्र में ही दम तोड़ देती है .
एंजोलिना के दिल में जो था उन्होंने उसे सबसे बांटा लेकिन उसकी प्रतिक्रिया बहुत अलग अलग तरीके से सामने आयी है . हर नजरिया कुछ सोचने को ही मजबूर करता है .
अपने शरीर का कोई अंग कटवा कर निकलवाने का फैसला आसन नहीं होता अगर एंजोलिना ने ऐसा किया है तो हमें ये समझाना होगा की उन पर अपनी माँ की मौत का कितना गहरा असर हुआ है .माँ के न रहने से उनकी जिंदगी में जो बदलाव जो खालीपन आये थे वे किस कदर भयावह रहे होंगे कि उन्होंने ये फैसला लिया .
कई लोग इसे पैसों वाले का तमाशा कह रहे है .एंजोलिना के पास पैसों की कमी नहीं है इसलिए वे तकनीक का उपयोग कर भविष्य की आशंका को मिटा देना चाहती हैं . इसके तर्क में कई उदाहरण भी सामने आये जिनमे लोगों ने ये तक कहा कि सिर्फ आशंका के चलते तकनीक का इस्तेमाल करके शरीर का अंग कटवाना ठीक नहीं है . केंसर से जूझती या इससे दो चार हो चुकी कई महिलाओं का कहना है कि ये खबर उन लोगों के साथ एक क्रूर मजाक है जो इसे अफोर्ड नहीं कर सकते .
अगर इस नज़रिए से सोचा जाए तो कुछ अमीर लोग जो दुनिया की हर शानो शौकत का अपने पैसों के दम पर उपयोग करते हैं वो भी गरीबों के साथ एक मजाक ही है .लेकिन उसके लिए तर्क ये है की उनके कमाए पैसे का वो जैसे चाहे जहाँ चाहे उपयोग करें .
लेकिन मुझे लगता है ये करके एंजोलिना ने फेमिनिटी के स्थापित ढांचे को तोड़ने का अभूतपूर्व काम किया है . उसने उन महिलाओं को खुद की और दूसरों की नज़रों में सम्मान दिलाने की कोशिश की है जो ब्रेस्ट केंसर से लड़ते हुए अपने ब्रेस्ट हटवा देने के बाद जिंदगी भर एक अवसाद भरी जिंदगी जीती हैं .
एक महिला होते हुए उन्होंने स्त्री अंग की उपस्थिति विशेष को नज़र अंदाज़ करके अपनी जिंदगी की कीमत को अपने और अपने बच्चों के लिए सर्वोपरि माना है जो एक इंसान के नाते उनका अधिकार है .
उन्होंने स्त्री समाज को खुद के स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होने का सन्देश दिया है .हर देश हर समाज में स्त्रियों की दशा लगभग एक सी है .अपने स्वास्थ्य अधिकारों के प्रति उदासीनता हर समाज में व्याप्त है एंजोलिना ने इस उदासीनता को तोड़ कर सजगता लाने का सराहनीय प्रयास किया है .
इस सब से सर्वोपरी ये निर्णय उनका व्यक्तिगत निर्णय है और उनकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता के चलते सारे इफ बट्स के बावजूद हमें इसका सम्मान करना चाहिए .
कविता वर्मा
6 टिप्पणियां:
sahmat hun bilkul sahi kah rahi hain aap .
KAVITA JI - I AM AGREE WITH YOU .YOUR VIEW IS QUITE RIGHT .ANJELINA HAS TAKEN RIGHT DECISION .WE SHOULD PRAISED HER BOLDNESS .THANKS A LOT FOR THIS POST .
सही बात
सही कहा आपने, व्यक्ति निजी स्वतंत्रता का सम्मान होना ही चाहिये.
रामराम.
ऎंजोलिना ने जो भी फेसला लिया ,बिल्कुल सही है..आपकी बहेतरीन पोस्ट
कविता जी बिलकुल सही कहा है स्त्रियों को अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग होना ही चाहिये |
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