भारतीय नारी ब्लॉग
प्रतियोगिता-2 [ प्रविष्टि -2 ]
सुश्री शांति पुरोहित
मै
एक नारी से हमेशा प्रभावित रही हूँ, और उम्र भर रहूंगी | क्योंकि वो मेरी माँ है |जिन्होंने जन्म देने के साथ अच्छे संस्कार भी दिए है | मै, ये कभी नहीं भूल सकती की माँ ने खुद आधा खाया और मुझे पेट भर के खिलाया ;खुद गीले मे सोई मुझे
सूखे मे सुलाया | उनके दिए संस्कारो
से मेरा जीवन खुशियों से भरा हुआ है | उनका बहुत ही
गरिमामय व्यक्तित्व था | हद से भी ज्यादा
सहनशीलता थी | आज माँ मेरे साथ
नहीं है पर उनके दिए संस्कारो से जीवन की हर उलझन को सुलझा लेती हूँ | हर पल उनके साये को अपने आस-पास मेहसूस करती हूँ | हर क्षेत्र मे आगे बढ़ने को प्रेरित करती रहती थी |माँ के सदेह पास न होने
पर भी उनके दिए प्रकाशस्त्म्भ को आज भी अपने अंतर्मन मे पाती हूँ |उनके दिए
संस्कारो को अपने बच्चो को दिए, और अब अपने बच्चो, के बच्चो को देने की कोशिश कर
रही हूँ | माँ कि महिमा अपार
है |
हमारी भाषाओ के पास असंख्य शब्द है उसमे सब से छोटा शब्द माँ है,पर पूर्ण है,गहन है और महिमामय है |
मै माँ को देवता समझती हूँ ;वो इसलिए जैसे -ब्रह्मा
-स्रष्टि रचते है ,विष्णु पालन करते है और शिव संहार करते है| माँ ब्रह्मा है | हमारे धर्म-ग्रंथो
मै माँ का अनंत गान है |जब स्रष्टि के सृजनहार को लगा कि वो हर घर मे नहीं पहुँच पायेगे तो उन्होंने
माता का सृजन किया | मेरे लिए माँ का स्थान सबसे ऊँचा है |आज जो कुछ भी हूँ उनके आशीर्वाद से हूँ माँ तुझे सत कोटि प्रणाम |
13 टिप्पणियां:
बढिया
shanti ji -bilkul sach likha hai maa se badhkar koi nahi hota .hardik aabhar
बहुत शुक्रिया आपका
bahut hi achchi bat likhi hai maa ke vishay me
Mahendra shreevastva ji srahnaa ke liye shukrya
Neeta ji srahnaa ke liye abhar
Maa to bas maa hoti hai...ek shabd mein na jane kitne granth chhipe hain..
Happy Mothers' Day!
सच सबसे ऊँचा रिश्ता है माँ-बच्चे का |
आभार सारिका मुकेश जी |
नमस्कार !
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल सोमवार (13-05-2013) के माँ के लिए गुज़ारिश :चर्चा मंच 1243 पर ,अपनी प्रतिक्रिया के लिए पधारें
सूचनार्थ |
बहुत ही सुन्दर और सार्थक भावनात्मक अभिव्यक्ति .
शालिनी जी सराहना के लिए आभार
shanti jee sundar bhaav keliye badhaai.
punita singh.
punita ji shukriya
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