आजकल के लड़केवाले -लघु कथा |
सीमा ने पड़ोसन विमला को उसके मुख्य द्वार से निकलते देखा तो अपनी चौखट लाँघ कर उसके पास पहुँच गयी और उसके कंधें पर हाथ रखते हुए बोली -विमला ..विम्पी को जो कल देखने आये थे क्या कह गए ?'' विमला उदास स्वर में बोली -'' क्या बताऊँ सीमा ...आजकल के लड़के वाले बहुत ईमानदार हो गए हैं .कल जिस लड़के के माता -पिता विम्पी को देखने आये थे बैठते ही बोले विम्पी के पापा से -देखिये भाईसाहब आप बस इतना बता दीजिये कि कितने का बजट है आपका ? यानि कितना पैसा लगा पायेंगें शादी में .यदि हमें सूट करेगा तो ठीक है वरना हम आपको धोखे में नहीं रखना चाहते .शादी के बाद बहू को दहेज़ के लिए सताना हम नहीं चाहते' .... विम्पी के पापा ने जो बजट बताया वो उनकी हैसियत से काफी कम था इसलिए विम्पी को देखे बगैर ही वे हाथ जोड़कर विदा हो गए .'' सीमा कडवी हँसी हँसते हुए बोली -सच कहा विमला लड़के वाले कुछ ज्यादा ही ईमानदार हो गए हैं .''
शिखा कौशिक 'नूतन'
6 टिप्पणियां:
बहुत सार्थक सन्देश देती प्रस्तुति .मन को छू गयी आपकी कहानी .आभार . संस्कृति रक्षण में महिला सहभाग
साथ ही जानिए संपत्ति के अधिकार का इतिहास संपत्ति का अधिकार -3महिलाओं के लिए अनोखी शुरुआत आज ही जुड़ेंWOMAN ABOUT MAN
सार्थक प्रस्तुति
आज का सच
tippani hetu shalini ji , shanti ji v vandna ji -hardik aabhar
Dhanya ho aisi imandari!! Aise logo ka samaj mein bahishkar hona chahiye!
ईमानदारी सदा ही श्लाघ्य है .....हाँ दहेज़ मांगना अनैतिकता व अपराध है ....
एक टिप्पणी भेजें