गुरुवार, 20 जून 2013

आग-एक लघु कथा

आग-एक लघु कथा
सारी  बस्ती धूं धूं कर जल रही थी .चीख पुकार मची हुई थी .कोई चिल्लाता -''बचाओ  ...मेरे बच्चे को बचाओ '' कोई चिल्लाता ''हाय मेरा सब कुछ जल गया .'' किसी की आहें दिल दहला देती  तो किसी का कराहना .बस्ती वालों की आँखें धुएं के कारण खुल तक नहीं पा रही थी . सब कुछ स्वाहा होने से  फायर -ब्रिगेड तक नहीं रोक पाई .जो बच  गए उनके मुंह पर बस एक ही बात थी -''ऐसी प्रचंड आग नहीं देखी..लगता था माँ चंडी ही अग्नि का रूप लेकर हमें जलाने आई थी .''अग्नि शांत हुई तो अपनों की खैर खबर लेने का सिलसिला शुरू हुआ .शायद ही कोई परिवार था जिसका व्यक्ति न जला हो .सभी अपना सिर पकड़ कर अपने जान -माल के नुकसान का शोक मना रहे थे तभी एक साधु बाबा उधर से निकले . उनके मुख के तेज़ से प्रभावित होकर सभी बस्ती वाले उनके चारों और इकठ्ठे हो गए .शेरू गिड़ गिडाता  हुआ बोला -'' महाराज हम गरीबों पर ईश्वर ने जुल्म कर दिया .सब फूँक  कर रख दिया .'' साधु बाबा उसे समझाते हुए बोले -'' बेटा उसे क्यों दोष देता है ...मैं देख रहा हूँ कुछ माह पहले एक निर्दोष युवती को डायन  कहकर इसी बस्ती में नंगा करके घुमाया गया था ..तुम सब देखते रहे थे .कुछ नहीं बोले ...उस युवती ने घटना से दो दिन बाद ही अपने पर मिटटी का तेल छिड़ककर आग में जलकर जान दे दी थी .ये वही युवती आग के रूप में तुम सबको भस्म करने आयी थी पर एक नन्ही सी बच्ची के कारण तुम सबकी जान बच गयी क्योंकि उसे आग से  डरा हुआ देखकर वो उस युवती की प्रतिशोध की आग ठंडी पड़ गयी ...याद करो एक बच्ची नंगी घुमाई जा रही उस युवती के लिए अपने घर से चादर लेकर दौड़ी थी ...'' बस्ती वाले साधु बाबा की बातों पर आपस में बातचीत करने लगे और फिर जब साधु बाबा की ढूंढ मची वे ढूंढें न मिले .

शिखा कौशिक 'नूतन '

6 टिप्‍पणियां:

Shalini kaushik ने कहा…

सच्चाई को शब्दों में बखूबी उतारा है आपने आभार . ये है मर्द की हकीकत आप भी जानें संपत्ति का अधिकार -४.नारी ब्लोगर्स के लिए एक नयी शुरुआत आप भी जुड़ें WOMAN ABOUT MAN

डा श्याम गुप्त ने कहा…

---क्या बात है ....सच...

जैसा करेगा वैसा भरेगा ,
इसमें वो क्या करेगा |

कालीपद "प्रसाद" ने कहा…


कर्म फल तो भुगतना ही पड़ता है
latest post परिणय की ४0 वीं वर्षगाँठ !

kavita verma ने कहा…

kaash ye baat sab samjh jaate ..karm fal hi to bhugat rahe hai sab ...

Shikha Kaushik ने कहा…

thanks everyone to comment .

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

बहुत प्रभावशाली लघु कथा