ज़िया ख़ान मर गई. उसने 3 दिन पहले पंखे से लटक कर खुदकुशी कर ली थी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में आया है कि मरने से पहले उसने शराब भी पी थी. मरने से पहले उसने सूरज पंचोली को फ़ोन किया था.
आत्महत्याएं सारे समाज के लिए चेतावनी हैं. वास्तव में जिया खान आधुनिक नारी की प्रतिनिधि थी. आधुनिक नारी के रास्ते पर चलकर आज की नारियों के एक तादाद किस अंजाम से दो चार हो रही है. इसे आसानी से जाना जा सकता है. वास्तव में आज इंसानियत के सामने आदर्श का संकट है. इन हालात में हम सबको सोचना होगा कि सेक्स और क्राइम की दलदल से अपनी नस्ल को कैसे बचाएं ?
7 टिप्पणियां:
अत्यंत दुखद घटना | भगवान् जिया खान की आत्मा को शांति दे |
सादर -
bilkul sahi kah rahe hain aap .ye aadhunik jevan shaily hi hai jo hamse asamay pratibhaon ko chhen rahi hai .. चमन से हमारे जाने के बाद . साथ ही जानिए संपत्ति के अधिकार का इतिहास संपत्ति का अधिकार -3महिलाओं के लिए अनोखी शुरुआत आज ही जुड़ेंWOMAN ABOUT MAN
NOT AGREE WITH YOU .THIS IS NOT A INCIDENT OF FREE LIFE ..IT'S A TRAGEDY BECAUSE MAN ALWAYS CHEAT WOMAN .
शालिनी जी ...when you know that man always cheat woman ...तो आखिर महिलायें ,लड़कियाँ क्यों पुरुष से दोस्ती बढाती हैं ...क्या मज़बूरी है ?क्यों पुरुष का सहारा लेती हैं ...
---सभी लड़कियों के साथ तो एसा नहीं होता , न सब पुरुष एसा करते हैं....सिर्फ वे लड़कियां /स्त्रियाँ जो तेजी से आगे बढ़ना चाहती हैं बिना स्वयं की सक्षमता के भी ..उन्हीं के साथ यह होता है ....अतः वास्तव में ही यह A INCIDENT OF FREE LIFE है ...
शिखा जी ! आपका यह कहना बिलकुल ग़लतहै कि मर औरत को हमेशा धोखा देता है.
क्या औरतें मर्दों को धोखा नहीं देतीं ?
इसके बावुजूद सभी औरतें या मर्द धोखेबाज़ नहीं होते.
शादी की उम्र हो जाने पर पहले लड़के लड़कियों की शादी हो जाती थी, अब नहीं हो पाती . अपने तन-मन की ज़रूरत को पूरी करने के लिए आधुनिक युवा ऐसे रिश्ते बना रहे हैं जिनकी बुनियादी शर्त ही यह होती है कि उन्हें कभी भी आसानी से ख़तम किया जा सकता है.
ब्वायफ्रेंड और गर्लफ्रेंड के रिश्ते की जो ख्सियत है, वही इस रिश्ते की सबसे बड़ी खराबी भी है. जिया खान इसी खराबी की शिकार हुई है. यह उसका अपना फैसला था . सूरज पंचोली जी गिरफ्तार हुए तो इसके ज़िम्मेदार भी वे खुद हैं.
घर आबाद करने से बचोगे तो कब्रें और जेलें ही आबाद होंगी.
यह एक सबक है सबके लिए .
सही में ये एक दुखद घटना है किसी के भी साथ हो दुःख अपने बच्चे की तरह ही होता है ऐसा करने से पहले वो माँ बाप की बिलकुल नहीं सोचते कैसे कैसे पाला है कुछ अधिकार तो उनके जीवन पर माँ बाप का भी तो होता होगा ,जब लड़के लडकियां ऐसा कदम उठाते हैं (आदर्शों के विपरीत ) इतनी हिम्मत दिखाते हैं तो मानसिक रूप से इतने कमजोर क्यों हो जाते हैं इनके विपरीत परिणामो के लिए पहले से ही तैयार क्यों नहीं रहते क्यों अपने पीछे अपने परिवार को अपने शुभ चिंतकों को दुखी करके जाते हैं
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