सोमवार, 22 अप्रैल 2013

लूट न पाए दरिंदा एक भी बेटी की लाज !

 बच्ची से बलात्कार: दूसरा आरोपी भी गिरफ्तार 

 

आग दिल में लगी है जलाकर के कर देंगें खाक ,  

दुराचारी एक न बचेगा लेते हैं प्रण ये आज !


रहम न करेंगें किसी पर हो चाहे अपना सगा ,
दुष्कर्म जो भी करेगा उसका कटेगा गला ,
खिल पायें कोमल कलियाँ ऐसा बना दें समाज !
आग दिल में लगी है जलाकर के कर देंगें खाक!

सहमे  हुए न रहो अब दहला दो दुष्टों का दिल ,
इनको चढ़ा दो फाँसी पर जीने के ये न काबिल ,
लूट न पाए दरिंदा एक भी बेटी की लाज !
आग दिल में लगी है जलाकर के कर देंगें खाक !

 हैवानों की मौत बनकर झपटेंगें  हम इन्सान ,
कर देंगें टुकड़े इनके तब ही थमेगा तूफ़ान ,
अब न बहो भावना में विचारों में भर लो तेजाब !
आग दिल में लगी है जलाकर के कर देंगें खाक !

जय हिन्द !

शिखा कौशिक 'नूतन '


8 टिप्‍पणियां:

Jyoti khare ने कहा…

चेतावनी देती और आज की सटीक रचना
सार्थक सोच
वर्तमान का सच
उत्कृष्ट प्रस्तुति

आग्रह है मेरे ब्लॉग में भी सम्मलित हों

Shalini kaushik ने कहा…

bahut jabardast krodh se ot-prot.shandar abhivyakti .badhai

Kartikey Raj ने कहा…

आपकी इस रचना में बलात्कारीयों के प्रति जबरदस्त गुस्सा है। शानदार अभिव्यक्ति..... आभार

ashokkhachar56@gmail.com ने कहा…

उत्कृष्ट प्रस्तुति

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

गुस्से को आयाम देती एक सार्थक रचना !!

ANULATA RAJ NAIR ने कहा…

आक्रोश जायज़ है..
मगर आहत है मन...कहीं कोई उम्मीद तो दिखे..

अनु

vandana gupta ने कहा…

आज इसी आक्रोश की जरूरत है।

कालीपद "प्रसाद" ने कहा…


आक्रोश के साथ चेतावनी पूर्ण रचना

डैश बोर्ड पर पाता हूँ आपकी रचना, अनुशरण कर ब्लॉग को
अनुशरण कर मेरे ब्लॉग को अनुभव करे मेरी अनुभूति को
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