! रामनवमी पर्व की हार्दिक शुभकामनायें ! |
नन्हें से राम लल्ला खेलें दशरथ के अंगना !
मैय्या कौशल्या उर आनंद लहरे उमड़े ,
पैय्या चले तो पकड़ने को वे दौड़े ,
लेती बलैय्या आँचल में हैं छिपती ललना !
नन्हें से राम लल्ला खेलें दशरथ के अंगना !
चारों भैय्या मिलकर माखन चुराते हैं ,
बड़े हैं भाई राम सबको खिलाते हैं ,
माटी के बर्तन फोड़ें आये पकड़ में ना !
नन्हें से राम लल्ला खेलें दशरथ के अंगना !
राम के मुख की शोभा बरनि न जाये है ,
सुन्दरता देख उन्हें खुद पर लजाये है ,
शोभा की खान राम किसी से क्या तुलना !
नन्हें से राम लल्ला खेलें दशरथ के अंगना !
शिखा कौशिक 'नूतन '
3 टिप्पणियां:
सुन्दर आध्यात्मिक भावात्मक अभिव्यक्ति ह्रदय को छू गयी आभार रामनवमी की बहुत बहुत शुभकामनायें औरत की नज़र में हर मर्द है बेकार . .महिला ब्लोगर्स के लिए एक नयी सौगात आज ही जुड़ें WOMAN ABOUT MANजाने संविधान में कैसे है संपत्ति का अधिकार-2
बहुत सुंदर...रामनवमी की आपको भी हार्दिक शुभकामनाएँ!!
सन्ध्या जी आपको रामनवमीं की हार्दिक शुभकामनाएं । मेरे ब्लाग को पढने का शुक्रिया
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