सोमवार, 15 अप्रैल 2013







जीवन एक मॉडर्न पेंटिग

जब कभी सोचा
मैंने एकांत में
जीवन मालूम
पड़ा मुझे
किसी मॉडर्न
पेंटिग की तरह
आड़ी-तिरछी लकीरें
एक सुंदर
पहेली के जैसा
जिसे सुलझाने में
शायद
बीत जाये उम्र
और फिर भी
शायद
जो ना सुलझे कभी ∙

7 टिप्‍पणियां:

Shalini kaushik ने कहा…

भावात्मक अभिव्यक्ति ह्रदय को छू गयी आभार नवसंवत्सर की बहुत बहुत शुभकामनायें रिश्तों पर कलंक :पुरुष का पलड़ा यहाँ भी भारी .महिला ब्लोगर्स के लिए एक नयी सौगात आज ही जुड़ें WOMAN ABOUT MANजाने संविधान में कैसे है संपत्ति का अधिकार-1

Shikha Kaushik ने कहा…

सुन्दर व् सार्थक प्रस्तुति . हार्दिक आभार नवसंवत्सर की बहुत बहुत शुभकामनायें हम हिंदी चिट्ठाकार हैं

BHARTIY NARI
PLEASE VISIT .

राहुल ने कहा…

कम शब्दों में पूरी जिन्दगी का ताना-बाना ...
सुंदर व बढ़िया ...

राहुल ने कहा…

कम शब्दों में पूरी जिन्दगी का ताना-बाना ...
सुंदर व बढ़िया ...

साहित्य और समीक्षा डॉ. विजय शिंदे ने कहा…

जीवन को मॉडर्न पेंटिंग कहा है, मैं इसमें से पेंटिंग शद्ब को पकड कह रहा हूं वह एक पेंटिंग है और विभिन्न रंगों एवं रेखाओं से पूर्ण होता है।

साहित्य और समीक्षा डॉ. विजय शिंदे ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
vikram7 ने कहा…

kam shbdo me jindagi ki satik vyakhya.