रविवार, 4 मार्च 2012

आया होली का त्यौहार ...गीत ...डा श्याम गुप्त...


सखी री! आया होली का त्यौहार।   .
पवन बसन्ती रस-रंग घोले,
फगुनाई सी बयार ।

सखी री! आया होली का त्यौहार।।

कली कली मुसुकाये, भ्रमर सब -
लुटने को वेज़ार ।
अवगुंठन से झांकें कलियाँ ,
भ्रमर करें गुंजार.......
घूंघट पट से झांकें सखियाँ ,
पिया करें मनुहार ।

सखी री ! आया होली का त्यौहार।।

रात की रानी बन में गमके ,
झूमे मलय बहार ...
अंग अंग में रस रंग सरसे,
मधु ऋतु है रस सार ।
प्रीती रीति का पाठ पढ़ाने ,
आयी ऋतु  श्रृंगार ।

सखी री आया होली का त्यौहार ।।

10 टिप्‍पणियां:

रविकर ने कहा…

खूबसूरत प्रस्तुति ।

आभार ।।

dineshkidillagi.blogspot.com

पर आपके आशीर्वाद का इन्तजार है ।।

S.N SHUKLA ने कहा…

सार्थक और सामयिक प्रस्तुति, बधाई.
मेरे ब्लॉग " meri kavitayen" की नवीनतम प्रविष्टि पर आप सादर आमंत्रित हैं.

sangita ने कहा…

खूबसूरत पोस्ट है । मेरे ब्लॉग की नई पोस्ट पर आपका स्वागत है।

Jyoti Mishra ने कहा…

Holi wishes to u too Sikha !!
Enjoy this festive season :)

Shalini kaushik ने कहा…

रात की रानी बन में गमके ,
झूमे मलय बहार ...
अंग अंग में रस रंग सरसे,
मधु ऋतु है रस सार ।
प्रीती रीति का पाठ पढ़ाने ,
आयी ऋतु श्रृंगार ।

सखी री आया होली का त्यौहार ।
bahut sundar shabdon me aapne bharatiy nari blog me holi ke rang bhare hain.aabhar .

डा श्याम गुप्त ने कहा…

धन्यवाद रविकर व अतुल जी गीत को मन्च पर सजाने हेतु...

डा श्याम गुप्त ने कहा…

धन्यवाद शुक्ला जी....व सन्गीता जी...हेप्पी होली..

डा श्याम गुप्त ने कहा…

धन्यवाद ज्योति जी..व शालिनी जी....
----भारतीय नारी को होली की शुभ-कामनायें ।
नववर्ष में जीवन में रन्ग व खुशियां आयें ।

कविता रावत ने कहा…

बहुत बढ़िया होली गीत ....
होली की आपको सपरिवार हार्दिक शुभकामनायें!

डा श्याम गुप्त ने कहा…

dhanyavad kavita ji....