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पढ चुके हैं ..शिखा जी.... -----एक तो ”औरतें’ शब्द...असाहित्यिक है एवं बाज़ारू है...महिलाओं के लिये अपमान जनक... ----विषय चाहे जितना महिलाओं की( घिसी-पिटी) प्रशंसा में हो परन्तु शीर्षक से ही पता चलता है कि लेखक महिलाओं के बारे में कितना संवेदनशील है...
5 टिप्पणियां:
rajneesh ji ka shandar,nishpaksh aalekh padhvane hetu shikha ji bahut bahut shukriya.
पढ चुके हैं ..शिखा जी....
-----एक तो ”औरतें’ शब्द...असाहित्यिक है एवं बाज़ारू है...महिलाओं के लिये अपमान जनक...
----विषय चाहे जितना महिलाओं की( घिसी-पिटी) प्रशंसा में हो परन्तु शीर्षक से ही पता चलता है कि लेखक महिलाओं के बारे में कितना संवेदनशील है...
अपना अलग स्थान बना चुकीं हैं की bordiy महिलायें निश्चय ही .
अपना अलग स्थान बना चुकीं हैं की bordiy महिलायें निश्चय ही .की -बोर्डिय महिलायें .
इस लेख को लिंकित करने का शुक्रिया।
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