ऋतुएँ बदल गयीं , मौसम बदल गए ।
कुछ तुम बदल गए, कुछ हम बदल गए।
नयनों में नक्श आज हैं क्यों ये नए नए ।
क्यों हम बदल गए क्यों तुम बदल गए ।
हम बढ़ चले थे आपकी राहों में जाने जाँ,
चाहों में हम थे आप क्यों राहें बदल गए ।
तुम को न बदलना था, हम को न बदलना था ,
जब तुम बदल गए, हम भी बदल गए ।
यूं बहके जमाने के कदम, उन्नति की राह में ,
रिश्ते बदल गए, नाते बदल गए ।
इस दौरे भागम-भाग की क्या दास्ताँ कहें ,
ईमां बदल गए , इन्सां बदल गए ।
बदले हैं अब तो चाँद तारे ज़मीं आफताब,
क्या श्याम' अब कहें जो हम-तुम बदल गए ।।
4 टिप्पणियां:
बढ़िया प्रस्तुति ,..
kalamdaan.blogspot.com
वाह!!!!!
तुम को न बदलना था, हम को न बदलना था ,
जब तुम बदल गए, हम भी बदल गए ।
बहुत खूब............
इस दौरे भागम-भाग की क्या दास्ताँ कहें ,
ईमां बदल गए , इन्सां बदल गए ।
sarthak
धन्यवाद संगीता, विद्या व ऋतू
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