रविवार, 7 अगस्त 2011

बदलिए अपनी सोच Firoz Shaikh

"ये लेख काल्पनिक है और इसका वास्तविक दुनिया से कोई सम्बन्ध नहीं है"  
टेलीविजन पर इस तरह की बातें आपने अकसर सुनी होंगी या फिर किसी डेली सोप के स्क्रोल में पढ़ा होगा कि - यह धारावाहिक काल्पनिक है, और इसका वास्तविक दुनिया से कोई सम्बन्ध नहीं है| इस टेग के सहारे धारावाहिक खुलकर महिलाओं पर अत्याचारों को दिखाते है , जिनमे दहेज़ के लिए महिलाओं को जलाना , किसी और धर्म या जाती के व्यक्ति से शादी करने पर जान से माँरना , और शादी के बाद पूरे परिवार के मर्दों की हवस का शिकार होना शामिल है . लेकिन ये सारे  धारावाहिक काल्पनिक हैं  और इनका वास्तविक दुनिया से कोई सम्बन्ध नहीं है|. ...
भारत जैसे सभ्य देश में तो ऐसा हो ही नहीं सकता......हमारे देश में एकता है, यहाँ कई जातियों  और धर्म के लोग रहते है , साम्प्रदायिकता के नाम पर यहाँ कोई किसी व्यक्ति की जान नहीं लेता | हिंसा जैसे शब्द यहाँ काल्पनिक हैं  और इसका वास्तविक दुनिया से कोई सम्बन्ध नहीं है |.............
हमारे देश में आम लोगों की सुविधाओं के लिए हजारों योजनाएं है, जो फाइलों से निकलकर आम जनता को सम्रद्द बनती है| जिससे पूरा भारत सुपर पॉवर कहलाता है, यही हमारी शक्ति है| और धोखेबाजी जेसी चीजें यहाँ काल्पनिक है और इसका वास्तविक दुनिया से कोई सम्बन्ध नहीं है| .......
हमारे देश में खेल भावना इतनी जाग्रत है की देश के क्रिकेटरों को एक साल IPL में खेलने के लिए करोड़ों रुपए दिए जाते है, उन्हें विज्ञापन और कई सारी चीजें करने का अधिकार है , साथ ही देश की रक्षा करने वली सेना और आम आदमी के किसी घटना में शहीद होने या मरने पर मुआवज़ा दिया जाता है| ..
अगर कोई इसकी विवेचना या इस पर टिप्पणी करता है तो वह काल्पनिक है और उसका वास्तविक दुनिया से कोई सम्बन्ध नहीं है|.....
हमारे देश में 100 % लोग देश प्रेमी हैं . सभी को पुरे देश में कही भी झंडा फेहराने का अधिकार है , तिरंगा और देशभक्ति को लेकर हमारे देश में कभी सियासत नहीं होती , किसी भी हालात में लाल चोक पर झंडा फेहराया जाना तो जायज है, लेकिन दंतेवाडा में यह सोचना भी काल्पनिक है और इसका वास्तविक दुनिया से कोई सम्बन्ध नहीं है|.........

शायद विदेशियों को हमारी तरक्की रास नहीं आती इसीलिए हिलेरी क्लिंटन ने हमें 'मुंह मियाँ मिटठू' तक कह डाला शायद उन्हें लगता है की भारत में कुपोषण की समस्या ज्यादा है , किसानो की हालत खस्ता है ,जिससे वह आत्महत्या कर रहे है ,शिक्षा का स्तर ख़राब है, कानून व्यवस्था लचर पड़ी है ,कई लोग फुट-पाथ पर ही मर जाते है , आधे लोगों को एक टाइम का खाना भी नसीब नहीं होता . लेकिन ये एक विदेशी महिला की सोच है जो पूरी तरह काल्पनिक है और इसका वास्तविक दुनिया से कोई सम्बन्ध नहीं है|....
हमारे देश के राजनेता जिन्हें हम चुनकर हमारी तरक्की का जरिया बनाते है, वो हमारे वोट देने के अधिकार की रक्षा करते है ,हमसे कई सारे वादे करते है, और ऐसी योजनाओं पर अमल करते है जिनसे हम सभी संतुष्ट है, हम उन्हें लगातार 4-5 और कई बार इससे ज्यादा मौके देते है ताकि वे अपने पद का सही उपयोग हमारे हित में कर सकें ..
आज 21 वीं सदी में हम अपने वोट का उपयोग नहीं जानते ये बात पूरी तरह काल्पनिक है और इसका वास्तविक दुनिया से कोई सम्बन्ध नहीं है|....
हमारा देश जहाँ पुलिस , पिज्जा और एम्बुलेंस ठीक वक्त पर पहुँच जाते है , जहाँ महिलाऐं सड़कों पर सुरक्षित है, जहाँ बिजली, पानी की कोई समस्या नहीं है , जहाँ बेरोज़ग़ारी, निरक्षरता का कोई नमो-निशान नहीं है , जहाँ पुलिस और उसका महकमा सबसे ज्यादा विश्वसनीय है ... अगर कोई इन बातों को गलत ठहराता है तो वो ख़ुद काल्पनिक है और इसका वास्तविक दुनिया से कोई सम्बन्ध नहीं है|.... देश में ताजमहल से भी बड़े अजूबे है , हमने सिर्फ़ 70,000 करोड़ में CWG का आलिशान आयोजन कराया, बड़ी ही किफायती दरों पर गरीब कंपनियों को 2G स्पेक्ट्रम मुहेया कराए , ज़मीनों के कभी कोई घोटाले नहीं किये , अनाज को जरुरत मंद तक पहुँचाया , प्रदुषण मुक्त होने में जी जान लगा दी .. अब किसकी हिम्मत जो कहे की ये सब काल्पनिक है और इसका वास्तविक दुनिया से कोई सम्बन्ध नहीं है|.....देश में महंगाई पर तो इस तरह काबू है मानो घोड़े की लगाम आम आदमी के हाथ में हो ,किसी सरकारी काम के लिए कभी रिश्वत ली ही नहीं जाती, नाही हम कभी किसी को देने की सोचते है , RTI, RTE, अभिव्यक्ति का अधिकार और कंज़्यूमर फ़ोरम  का हम बढ़-चढ़कर उपयोग करते है..........!!! 
अगर आप इसी तरह से सोचते है तो ज़रा रुकिए....... 
बदलिए अपनी सोच ............ 
क्योंकि  आपकी मानसिकता काल्पनिक है और इसका वास्तविक दुनिया से कोई सम्बन्ध नहीं है ..
और ये आप और हमरे देश के लिए घातक साबित हो सकती है|...........

3 टिप्‍पणियां:

Shikha Kaushik ने कहा…

every word true .

DR. ANWER JAMAL ने कहा…

Shukriye .

You are Guru.

Shalini kaushik ने कहा…

आज 21 वीं सदी में हम अपने वोट का उपयोग नहीं जानते ये बात पूरी तरह काल्पनिक है और इसका वास्तविक दुनिया से कोई सम्बन्ध नहीं है|....
बिलकुल सही आज की वास्तविकता तो यह है की लोग अपनी वोट का कुछ ज्यादा ही इस्तेमाल जान गए हैं और अपने जो कम वैसे होने संभव नहीं हैं वे सभी इस माध्यम से पूरे करने में जुटे हैं .बहुत सार्थक लिखा है अनवर जी बधाई.