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'मेरी बहन '' विषय पर अगस्त माह में बहुत ही सुन्दर भावों व् सार्थक विचारों से युक्त रचनाएँ प्रस्तुत की गयी .जो इस प्रकार हैं -
*ये बंधन तो प्यार का बंधन हे-''मेरी बहन '' -ए. खरे जी
*सोहनी-महीवाल की भूमि पर भाई-बहन के प्रेम की अनोखी मिसाल ! भाग 4 -श्री अशोक शुक्ल जी
*बडे भैया की हसरतों ने बनाया उसे ‘तसलीमा नसरीन’ -श्री अशोक शुक्ल जी
*मेरी बहन- सुश्री दीप्ति शर्मा जी
*बहना मेरी - श्री प्रदीप कुमार साहनी जी
*हुमायूं और कर्मावती के बीच का प्रगाढ़ रिश्ता और राखी का मर्म -
डॉक्टर अनवर जमाल जी
* बहन हो तो ऐसी -जैसी शिखा कौशिक-सुश्री शालिनी कौशिक जी
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रक्षा बंधन-सुश्री प्रेरणा अर्गल जी
सुश्री कनु जी ने बहन समान सहेली से सम्बंधित एक पोस्ट प्रस्तुत कि-एक सच्चा किस्सा
सभी योगदान कर्ताओं का हार्दिक धन्यवाद .
मैं इन शब्दों के साथ अपनी भावनाओं का इज़हार करूंगी -शुक्रिया मेरी बहन ''शालिनी जी '' का जिन्होंने पग-पग पर मेरा आत्म-बल बढाया -
फूलों में महक न हो तो वो क्या हैं ?
तारों में चमक न हो तो वे क्या हैं ?
आप जैसी बहन मिली मुकद्दर है हमारा
अगर आप न हो तो हम क्या हैं ?
हमारे होठो की मुस्कराहट आप हैं
आप के बिन अगर पाई ख़ुशी तो वो क्या है ?
रह सकते हैं दोज़ख में भी खुश होकर
जुदा होकर जो मिली जन्नत तो वो क्या हैं ?
ग़मों के दौर में हम साथ-साथ रोये हैं
हैं हम हमदर्द ये कहने की जरूरत क्या है ?
शिखा कौशिक
4 टिप्पणियां:
बहुत सुन्दर --
प्रस्तुति |
बधाई ||
फूलों में महक न हो तो वो क्या हैं?
तारों में चमक न हो तो वे क्या हैं?
आप जैसी बहन मिली मुकद्दर है हमारा
अगर आप न हो तो हम क्या है?
हमारे होठो की मुस्कराहट आप हैं
आप के बिन अगर पाई ख़ुशी तो वो क्या है?
बहन शिखा कौशिकजी बहुत सही लिखा है आपने
बहुत सुन्दर रचना शेयर करने के लिये बहुत बहुत आभार,
nice ईद मुबारक |
आया खुशियों का पैगाम -ईद मुबारक
भारतीय नारी के माह अगस्त की पोस्टों की समीक्षा में मेरे लेखों को भी स्थान देने के लिये आभारी हूं
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