रविवार, 11 नवंबर 2012

गजलें ....Let the candles ignite..... दीप जलें ...डा श्याम गुप्त

Let the candles ignite.


Let the lamps light,
Life comes to be bright.

Let the candles of hope,
Happiness & harmony ignite.

Think of me my dear, 
When you light, a light.

Think of me my dear,
When you pray in the night .

Here comes the dawn of hope, 
To do away this night.



         दीप जलें  ....

दीप जलें सुख-सम्पति आये,
खुशी से दामन भरता जाए |

आशा और विश्वास का दीपक,
जगमग ज्योति जगाता जाए |


नव उमंग उल्लास बसे मन,
जीवन पंथ महकता जाए |

हर्षित दीपित तेरा तन-मन,
याद हमें भी करता जाए  |

हर पल जीवन बगिया का ध्वज ,
श्याम, लहर लहराता जाए ||







11 टिप्‍पणियां:

विभूति" ने कहा…

भावो को खुबसूरत शब्द दिए है अपने.....आपको भी दीपावली की बहुत शुभकामनायें।

रविकर ने कहा…

बहुत बहुत बधाई ।

शुभकामनाये पर्व-मालिका की ।

जय गणेश देवा

जय श्री लक्ष्मी ।।

जय माँ सरस्वती ।।
जय श्री राम -

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
त्यौहारों की शृंखला में धनतेरस, दीपावली, गोवर्धनपूजा और भाईदूज का हार्दिक शुभकामनाएँ!

Shikha Kaushik ने कहा…

happy deepawali .

Asha Joglekar ने कहा…

दोनो कविताएं बहुत सुंदर ।

ज्योत जलाते हुए प्रार्थना करते हुए अपने प्रिय को यद करना उसके मंगल की कामना करना कितनी शांति देता है ।

Asha Joglekar ने कहा…

शुभ दीपावली .

डा श्याम गुप्त ने कहा…

धन्यवाद सुषमाजी, रविकर, आशाजी , शिखा जी एवं रूपचन्द्र शास्त्रीजी.......सभी को धन्वन्तरि त्रियोदशी एवं दीवावली पर्व की शुभकामनाएं ...

travel ufo ने कहा…

बहुत बढिया । आपको दीपावली की शुभकामनायें

डा श्याम गुप्त ने कहा…

धन्यवाद विनीत जी एवं मनु .....

Madan Mohan Saxena ने कहा…

बेह्तरीन अभिव्यक्ति .
बहुत अद्भुत अहसास...सुन्दर प्रस्तुति...

मंगलमय हो आपको दीपो का त्यौहार
जीवन में आती रहे पल पल नयी बहार
ईश्वर से हम कर रहे हर पल यही पुकार
लक्ष्मी की कृपा रहे भरा रहे घर द्वार..

डा श्याम गुप्त ने कहा…

धन्यवाद सक्सेना जी दीपावली मंगलमय हो ..