समाचार '' भारतीय नारी'' से सम्बंधित
* पहला समाचार चिंतनीय है .संयुक्त राष्ट्र ने भी वृन्दावन में बसी १५,००० विधवाओं की स्थिति पर चिंता व्यक्त की है .मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल ,उड़ीसा व् बिहार से किसी व्यक्ति की मृत्यु के पश्चात् वृन्दावन में लाकर छोड़ी गयी इन महिलाओं की स्थिति
नारकीय है .इनको यहाँ इस उद्देश्य se छोड़ दिया जाता है की ये शेष जीवन भजन-कीर्तन कर बीता देंगी किन्तु भोजन,आवास व् अन्य मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति के अभाव में ये भीख मांगती नज़र आती हैं .सर्वप्रथम तो इनके परिवारीजनों को धिक्कार है जो विधवा माँ अथवा सम्बन्धी की जिम्मेदारी स्वयं न उठाकर उन्हें ऐसा गरिमा-विहीन जीवन व्यतीत करने के लिए छोड़ देतें हैं.इसके पश्चात् वे धार्मिक नेता जो वादे तो बड़े बड़े करते हैं पर जहाँ उन्हें सकारात्मक भूमिका निभानी चाहिए वहां से वे नदारद हो जाते हैं .सरकार को विधवा स्त्रियों की इस दुर्गति पर ध्यान देना चाहिए और समाज को भी .
*दूसरा समाचार भारतीय नारी के साहस को अभिव्यक्त कर रहा है .पुणे की सुचेता ने १,६२३ किमी. में फैले गोबी रेगिस्तान को पार कर ऐसा करने वाले प्रथम भारतीय बनने का गौरव प्राप्त किया है .मंगोलिया का गोबी रेगिस्तान एशिया का सबसे बड़ा व् विश्व का पांचवा बड़ा रेगिस्तान है . .''भारतीय नारी ब्लॉग परिवार '' की ओरसे उन्हें हार्दिक शुभकामनायें
*तीसरा समाचार भारतीय नारी की सृजनात्मकता को सलाम का है .हिंदी के यशस्वी कथाकार मुंशी प्रेमचंद के जन्मदिवस पर उनके पैत्रिक ग्राम ''लमही'' के नाम पर शुरू की गयी पत्रिका से पहला सम्मान प्रसिद्ध महिला कहानीकार ''सुश्री ममता कालिया जी '' को प्रदान किया गया है .''भारतीय नारी ब्लॉग परिवार '' की ओर से उन्हें हार्दिक शुभकामनायें .
शिखा कौशिक
2 टिप्पणियां:
sarthak post.aabhar shikha ji
आज रांची प्रवास के मध्य में हूँ |
एक मित्र के घर से आपका आभार कर रहा हूँ ||
एक टिप्पणी भेजें