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रविकर
'चित्र से काव्य तक' प्रतियोगिता अंक १८
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(शक्ति)
पहचाने नौ कन्यका, करे समस्या-पूर्ति ।
दुर्गा चंडी रोहिणी, कल्याणी त्रिमूर्ति ।
कल्याणी त्रिमूर्ति, सुभद्रा सजग कुमारी ।
शाम्भवी संभाव्य, कालिका की अब बारी ।
लम्बी झाड़ू हाथ, लगाए अकल ठिकाने ।
असुर ससुर हत्यार, दुष्ट मानव घबराने ।।
1 टिप्पणी:
bahut sundar prayas .badhai
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