शुक्रवार, 13 जनवरी 2012

मुझे जन्म दो


(यह कविता मेरे द्वारा लिखी हुई नहीं है, पर एक डॉक्टर के क्लिनिक में मैंने इसे देखा तो सोचा कि सबके साथ साझा करना चाहिए और मैंने इसे लिख लिया | कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए सबको जागरूक करने हेतु इस रचना का प्रयोग किया जाता है |)


हुमक हुमक गाने दो मुझको,
यूँ मत मर जाने दो मुझको,
जीवन भर आभार करुँगी,
माँ मैं तुमसे प्यार करुँगी,
मैं तेरी ही बेटी हूँ माँ,
मुझे जन्म दो, मुझे जन्म दो |

मैं भी तो हूँ अंश तुम्हारा,
मैं भी तो हूँ वंश तुम्हारा,
पापा को समझाकर देखो,
सारी बात बताकर देखो,
बिगड़ा है अनुपात बताओ,
क्या होंगे हालात बताओ,
फिर भी अगर न माने पापा,
रोउंगी मनुहार करुँगी,
जीवन भर आभार करुँगी,

मुझे जन्म दो, मुझे जन्म दो |


लक्ष्मी बाई, मदर टेरेसा,
क्या कोई बन पाया वैसा,
मत कहना एक धाय है पन्ना,
ममता का अध्याय है पन्ना,
ये बातें बतलाओ अम्मा,
दादी को समझाओ अम्मा,
सब गुण अंगीकार करुँगी,
जीवन भा आभार करुँगी,

मुझे जन्म दो, मुझे जन्म दो |

अन्तरिक्ष में जाकर के माँ,
रोशन तेरा नाम करुँगी,
जो-जो बेटे कर सकते हैं,
हर वो अच्छा काम करुँगी,
नाम से तेरी जानी जाऊं,
ये मैं बारम्बार करुँगी |
माँ मैं तुमसे प्यार करुँगी,
मुझे जन्म दो, मुझे जन्म दो |

10 टिप्‍पणियां:

डॅा. व्योम ने कहा…

बहुत प्रभावक और पठनीय प्रस्तुति है.......
इस कविता के प्रारम्भ की पंक्तियाँ-------

"हुकुम हुकुम गाने दो मुझको"

की जगह --
"हुमक हुमक गाने दो मुझको," होना चाहिए क्योंकि "हुकुम हुकुम गाने दो॑ ....." ठीक नहीं लग रहा है..... एक बार देख लीजिए कहीं लिखने में तो गलती नहीं हुई है।

Sawai Singh Rajpurohit ने कहा…

बहुत बढ़िया प्रस्तुति,

Sanju ने कहा…

बहुत बेहतरीन और प्रशंसनीय.......
मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है।

vikram7 ने कहा…

बेहतरीन प्रस्तुति.

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

बहुत सुंदर प्रस्तुति,बेहतरीन अभिव्यक्ति रचना बहुत अच्छी लगी अच्छी लगी.....
new post--काव्यान्जलि : हमदर्द.....
फालोवर बन गया हूँ आप भी मुझे फालो करे तो हार्दिक प्रशन्नता होगी,....

sangita ने कहा…

sundar vichaarniya post hae .is par maenne bhi likha tha ki kaese bachen betiyan .

पूनम श्रीवास्तव ने कहा…

bahut hi behtreen
isko padhte waqt main kho si gai shayad----
bahut hi savedan purn prastuti jo antarman ko jhakjhoor gai.
kashh------ab bhi waqt hai ham chet jaayen.
bahut hi prabhav purn prastuti
poonam,

amit kumar srivastava ने कहा…

saamayik aur sundar...

वसुन्धरा पाण्डेय ने कहा…

dil dimaag dono ko jhakjhorti ye rachna.....bahut hi marmik aur sundar.... !!

bhuneshwari malot ने कहा…

aabhar bahut hi bhavpurn aur dil ko chuneywali parstuti h.vist my blog weera.