बुधवार, 20 मार्च 2013

विप्लव ! पर ! -आपकी पत्नी...आपकी सैलरी....और शोषण

आपकी पत्नी...आपकी सैलरी....और शोषण

(कार्ल मार्क्स द्वारा रचित दास कैपिटल और उनकी अन्य रचनाओं में उद्धृत "बेशी मूल्य - अतिरिक्त मूल्य और श्रम के सिद्धांतो से प्रेरित " ) क्या आपने कभी सोचा है की आपकी सैलरी या पगार का निर्धारण कैसे होता है . मतलब की अगर आप 50 हजार रुपये पगार पाते है तो वो क्या ऐसी चीज है जिससे ये निर्धारित होता है की आपको 50 हजार रुपये मिलने चाहिए . कुछ लोग कहेंगे की एजुकेशन या एक्सपीरियंस है जिस वजह से सैलरी निर्धारित होती है ये बात कुछ हद तक ठीक है, लेकिन यदि आप नवीन जिंदल की सैलरी देखे जो की लगभग 7 करोड़ प्रतिमाह है तो शायद आप सोचेंगे की उसका तो एक्सपीरियंस और एजुकेशन तो अब्दुल कलाम आजाद से बहुत कम...विप्लव ! पर  
 
                 शालिनी कौशिक