उठा तिरंगा हाथों में.... बाल गीत ...डा श्याम गुप्त ..
उठा तिरंगा हाथों में .....
स्वाभिमान से शीश उठाकर ,
ऊंचाई के आसमान पर |
उठा तिरंगा हाथों में हम ,
फहरा फहरा चढते जाएँ ||
हम हैं गोप गोपिका हम हैं ,
गोवर्धन धारी कान्हा के |
वही है सदा सखा हमारा ,
जिसने पूजा धरती माँ को ||
हम उसके साथी बन जाएँ ,
आसमान पर चढ़ते जाएँ ||
कठिन परिश्रम करें लगा मन,
सभी सफलता वर सकते हैं |
दृढ इच्छा से काम करें तो,
सूरज चाँद पकड़ सकते है ||
स्वार्थ युद्ध ,अणु बम की वर्षा,
नहीं चाहिए, शान्ति चाहिए |
आगम निगम विचार चाहिए,
गीता वाक्य प्रसार चाहिए ||
भारत देता शान्ति- मन्त्र है,,
विश्व शान्ति महकाते जाएँ ||
आसमान में चढ़ते जाएँ ,
उठा तिरंगा हाथों में हम |
लहरा लहरा बढ़ते जाएँ,
फहरा फहरा बढ़ते जाएँ ||
6 टिप्पणियां:
बहुत अच्छी सकारात्मक सोच लिए सन्देश परक रचना बहुत बहुत बधाई
बहुत सुन्दर व् सार्थक प्रस्तुति.स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनायें तिरंगा शान है अपनी ,फ़लक पर आज फहराए
स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभ कामनाएँ!
धन्यवाद --संजू,शालिनी, संध्याजी एवं राजेश जी...
जयहिंद ...
अत्यंत भाव पूर्ण अभिव्यक्ति हार्दिक शुभ कामनाएं
धन्यवाद ...डिमरी जी...
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