कड़ी धूप हो या कातिल ठंडी हवाएं
हैं फौलादी इरादे हमारे हमको कौन डिगाए !
हम हैं बेटे भारत माँ के उस पे जान लुटाएं ;
है अगर दुश्मन में हिम्मत आ अभी टकराए .
खून में गर्मी हमारे,जोश भी है-होश भी ;
सिर पे बांधें हैं कफ़न हम,दिल में है आक्रोश भी;
हम ही रखते हैं सुरक्षित देश की सीमायें .
है अगर दुश्मन.............................................
सारा भारत घर है अपना ; हम सभी के लाडले ,
होली के रंग हैं हम ही से ;हम ही दीवाली के दिए ,
हम सभी की रक्षा करती आप सब की दुआएं .
है अगर दुश्मन ..............................................
शिखा कौशिक
7 टिप्पणियां:
aapko bhi bahut bahut shubhkamnayen .
कड़ी धूप हो या कातिल ठंडी हवाएं
sundar abhivykti
prernadayak .
वन्दे मातरम्!
thanks everyone and wish you a very happy independence day .
bahut bahut shubkamnayen.
बेहद भावव पूर्ण प्रस्तुति ,,
वन्दे मातरम !!
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