If this is the situation, this is the innovation & pretty pictures & the same is taught, told & displayed in schools ..colleges & their functions.. then forget that rapes & crimes will be controlled in country and society....
यदि यह वस्तुस्थिति एवं यही नवीनता, नवीन वैचारिकता है जिसे स्कूलों, कालेजों में यह सिखाया, पढ़ाया, बताया एवं दिखाने व कार्यक्रमों का भाग होता रहा तो आप भूल जाएँ कि देश व समाज में बलात्कार, यौन शोषण एवं स्त्रियों के प्रति अपराध कम होंगे .....
--- चित्र -- टाइम्स ऑफ़ इंडिया
3 टिप्पणियां:
धन्यवाद रविकर.....
fully agree with you .thanks to share this here .
धन्यवाद शिखा जी.....
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