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सही व उत्तम बात है .. ----परन्तु प्रश्न है कि क्या बेटों से मन हर्षित नहीं होता... सिर्फ बेटियों के गुणगान से हम नारी-पुरुष में, लडके-लड़कियों में असमंजसता, असमानता व वैमनस्यता के नवीन बीज नहीं बो रहे..समाज के लिए आगे एक अंध-कूप नहीं तैयार कर रहे .....यह सब अब बंद होना चाहिए ... मानवता व सदाचरण के गुणगान की आवश्यकता है...
10 टिप्पणियां:
अच्छा है
बहुत सुंदर
बहुत ही सुंदर संदेश देती रचना, शुभकामनाएं.
रामराम.
बढ़िया प्रस्तुति !
latest post सुख -दुःख
daughters are always sweet .very nice .
बेटिया जीवन संस्कृति
सही व उत्तम बात है ..
----परन्तु प्रश्न है कि क्या बेटों से मन हर्षित नहीं होता... सिर्फ बेटियों के गुणगान से हम नारी-पुरुष में, लडके-लड़कियों में असमंजसता, असमानता व वैमनस्यता के नवीन बीज नहीं बो रहे..समाज के लिए आगे एक अंध-कूप नहीं तैयार कर रहे .....यह सब अब बंद होना चाहिए ... मानवता व सदाचरण के गुणगान की आवश्यकता है...
बेहद सुन्दर प्रस्तुतीकरण ....!!
आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा आज बुधवार (17-07-2013) को में” उफ़ ये बारिश और पुरसूकून जिंदगी ..........बुधवारीय चर्चा १३७५ !! चर्चा मंच पर भी होगी!
सादर...!
बेटियां ना हो तो संसार से सुख, सोंदर्य ,ममता, कोमलता, कविता सब समाप्त समझो और ये सब ना हो तो संसार कहां बचेगा .
बहुत प्यारी होती हैं बेटियां...
shukriya dosto
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