बुधवार, 23 जनवरी 2013

पीला फूल



चित्र गूगल से साभार

मैं तम,
तुम प्रकाश,
हमेशा ऐसा क्यूँ?
मैं बहस,
तुम समाधान,
भला ऐसा क्यूँ?
कैसे हो जाती हो तुम ऐसा भला,
बताओ न,
कैक्टस के काँटों पर उग लेती हो,
मखमल सी मुस्कुराती हुई,
पीला फूल।

-नीरज

6 टिप्‍पणियां:

Pratibha Verma ने कहा…

बहुत सुन्दर...

रविकर ने कहा…

आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति शुक्रवार के चर्चा मंच पर ।।

डा श्याम गुप्त ने कहा…

वाह....पीला फूल ..सुन्दर ..

Sunil Kumar ने कहा…

सुन्दर प्रस्तुति ........

Niraj Pal ने कहा…

आभार आप सभी का।

Sarik Khan Filmcritic ने कहा…

Nice