होशियार रहना.... गज़ल....
इस शहर् में आगये होशियार रहना।
यह शहर है यार कुछ होशियार रहना।
इस शहर में घूमते हैं हर तरफ ही,
मौत के साए ज़रा होशियार रहना।
घूमते हैं खट-खटाते अर्गलायें,
खोलना मत द्वार बस होशियार रहना ।
एक दर्ज़न श्वान थे और चार चौकीदार,
होगया है क़त्ल यूं होशियार रहना।
अब न बागों में चहल कदमी को जाना,
होरहा व्यभिचार सब होशियार रहना।
सज-संवर के अब न जाना साथ उनके,
खींच लेते हार , तुम होशियार रहना।
चोर की करने शिकायत आप थाने जारहे,
पीचुके सब चाय अब होशियार रहना।
क्षत-विक्षत जो लाश चौराहे पर मिली,
काम आदमखोर सा ,होशियार रहना।
वह नहीं था बाघ आदमखोर यारो,
आदमी था श्याम' सब होशियार रहना॥
11 टिप्पणियां:
bahut sateek v sarthak prastuti .hardik aabhar
उम्दा प्रस्तुति...बहुत बहुत बधाई...
.बहुत सटीक अभिव्यक्ति है विचार अर्थ की,आज के सन्दर्भ की कुटिल परिवेश की
,कृपया इसी
सन्दर्भ में
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Virendra Sharma @Veerubhai1947
.फिर इस देश के नौजवानों का क्या होगा ?http://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/2013/01/blog-post_1932.html …
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Virendra Sharma @Veerubhai1947
ram ram bhai मुखपृष्ठ रविवार, 20 जनवरी 2013 .फिर इस देश के नौजवानों का क्या होगा ? http://veerubhai1947.blogspot.in/
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बहुत अच्छी प्रस्तुती
हेलो जी नमस्ते सनातन वर्ल्ड की पोस्ट
आप किससे सहमत है आपका वोट चाहिएपर आपका स्वागत हैँ ।
इस शहर में आ गए होशियार रहना
यह शहर है यार कुछ होशियार रहना.....!!
बहुत खूबसूरत....!
हर शेर मुकम्मल...!
hoshiyar rahne ki hi zaroorat hai.....
इस शहर में आ गए होशियार रहना
यह शहर है यार कुछ होशियार रहना....
बहुत खूबसूरत....
धन्यवाद यशोदाजी, प्रतिभा, शिखा,मृदुला व पूनम जी ...प्रसन्न जी और वरुण...आभार
सुन्दर भावनात्मक अभिव्यक्ति करें अभिनन्दन आगे बढ़कर जब वह समक्ष उपस्थित हो . आप भी जाने कई ब्लोगर्स भी फंस सकते हैं मानहानि में .......
इस शहर में आ गए होशियार रहना
यह शहर है यार कुछ होशियार रहना.
बहुत सुंदर .
धन्यवाद शालिनी जी, मदन मोहन व अंजू जी ....
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