शनिवार, 12 जनवरी 2013

नेता जी का बेटा -लघु कथा

 नेता जी का बेटा -लघु कथा 
गूगल से साभार 


''....क्या बात है आज तो आप बड़े उत्साहित लग रहे हैं ?''विपक्ष के प्रखर नेता की श्रीमती जी ने उनकी टाई की नॉट  ठीक करते हुए पूछा .नेता जी उत्साही स्वर में बोले -''मैडम पूछिए मत ..चुनाव पास हैं और एक लड़की से दुराचार का मुद्दा सत्ता पक्ष के गले की फ़ांस बन गया है .जा रहे हैं गृहमंत्री से मिलने .आंदोलनकारी युवा शक्ति को अपने पक्ष में कर वोटों में तब्दील भी तो करना है ..इससे अच्छा मौका न मिलेगा और ...''     श्रीमती जी बीच में टोकते हुए बोली -''घर की समस्याओं पर भी थोडा ध्यान दीजिये .कल बर्तन मांजने वाली बाई मुझसे शिकायत कर रही थी कि हमारा बेटा उसकी बेटी के साथ छेड़खानी   करता है .आप बेटे को डांट दीजिये ..कहिये बुलाऊं  उसे यहाँ ?''  नेता जी मुस्कुराते हुए बोले -''अरे मैडम आप भी ....बड़े बाप का बेटा है ...जवान है .अब मौज नहीं करेगा तो कब करेगा ''  ये कहकर नेता जी रौबीले अंदाज़ में बैडरूम से निकल कर चले गए .

                          शिखा कौशिक 'नूतन '

7 टिप्‍पणियां:

आर्यावर्त डेस्क ने कहा…

प्रभावशाली ,
जारी रहें।

शुभकामना !!!

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देवदत्त प्रसून ने कहा…

क्या खूब व्यंग्य !नेता जी की शान में मेरा मीठा तीर शामिल कीजिये-
'नेताजी' का बेटा है |
जो 'मसनद'पर लेता है ||
इस को ढंग से पह्न्चानो तो-
'दूध' नहीं ,'सपरेटा' है||

देवदत्त प्रसून ने कहा…

क्या खूब व्यंग्य !नेता जी की शान में मेरा मीठा तीर शामिल कीजिये-
'नेताजी' का बेटा है |
जो 'मसनद'पर लेटा है ||
इस को ढंग से पह्न्चानो तो-
'दूध' नहीं ,'सपरेटा' है||

Shikha Kaushik ने कहा…

बहुत सही टिप्पणी हेतु आभार . हम हिंदी चिट्ठाकार हैं

Rajput ने कहा…

लाजवाब व्यंग्य। नेता लोग की जमीनी हकीकत है ये
बहुत खूबसूरत रचना

virendra sharma ने कहा…

समस्या की जड़ पे आपने पांव रख दिया है इन दिनों यकायक बलात्कार की खबरें बड़े बड़े अंग्रेजी अखबारों की भी पहली खबर बनने लगीं हैं .बढ़िया लघु कथा .घर,घर की सीख ही व्यक्ति को अच्छा

या बुरा नागरिक बनाता है .

Pratibha Verma ने कहा…

नेता लोग की जमीनी हकीकत है ये
बहुत खूबसूरत रचना...