नारी जो कभी न हारी..
नारी
जो कभी न हारी,
अस्तित्व बचाने हेतु
विपदा झेली भारी-भारी,
नारी
जो कभी न हारी.
लाज बचाने को अपनी
बनके काली वो ललकारी,
नारी
जो कभी न हारी
किसी ने कहा उसे अबला
तो किसी ने कह दिया बेचारी,
नारी
जो कभी न हारी
जीवन में नित देखे संघर्ष,
फिर भी लड़ना रखा जारी
नारी जो कभी न हारी.
शालिनी कौशिक
शालिनी कौशिक
5 टिप्पणियां:
नारी
जो कभी न हारी
जीवन में नित देखे संघर्ष,
फिर भी लड़ना रखा जारी !
नारी जो कभी न हारी.
सच्चाई तो है यही...
जीवंत भावनाएं.सुन्दर चित्रांकन,बहुत खूब
बेह्तरीन अभिव्यक्ति
नारी
जो कभी न हारी
जीवन में नित देखे संघर्ष,
जो जलना स्वीकारे सहर्ष
फिर भी लड़ना रखा जारी
अद्धभुत अभिव्यक्ति !!
नारी ने सदैव आने वाली चुनौतियों का सहजता व निडरता से सामना किया है।वह शक्ति व विजय की प्रतीक है। प्रभावशाली अभिव्यक्ति।
नारी,भारतीय-संस्कृति की धुरी रही है सदा सदा |
'मानवता'के 'विकास-क्रम' से जुडी रही सदा सदा||
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