शुक्रवार, 12 अक्तूबर 2012

विचार योग्य ---द्रौपदी व सत्यभामा संवाद ......ड़ा श्याम गुप्त .......

    विचार योग्य......

                                        ---द्रौपदी व सत्यभामा संवाद .....




     






4 टिप्‍पणियां:

sangita ने कहा…

आगे कि कड़ी कि प्रतीक्षा है ,|

Aditi Poonam ने कहा…

रेखांकित पंक्तियाँ वर्तमान के सन्दर्भ में प्रासंगिक हैं
बहुत सी समस्याएं हल हो सकती है -आगे क्या होगा ?

देवदत्त प्रसून ने कहा…

नये रूप में प्रस्तुत की है, सुन्दर कथा पुराणों की |
सचमुच नारी माँ-दंड है, 'मानवता के प्राणों' की||

देवदत्त प्रसून ने कहा…

नए रूप में प्रस्तुत की है,सुन्दर कथा पुराणों की ||
सचमुच नारी 'मान-दण्ड'है,'मानवता' के प्राणों की ||