रविवार, 30 मार्च 2014

नन्ही देवियों को दो वचन !

चैत्र -नवरात्रि व् नवसंवत्सर २०७१  की हार्दिक शुभकामनायें !



हम  नन्ही -नन्ही  देवी  हैं ;
हमको है सबसे ये कहना ;
कन्या भ्रूण  को मत मारो ;
वे भी हम सबकी हैं बहना .


कन्या उज्जवल करती दो कुल ;
माता,पुत्री, पत्नी,बहना ;
नौ दिन पूजा कर लेने से 
नहीं पाप तुम्हारा  है धुलना .
                                        [सभी फोटोस  गूगल से साभार ]

पूजन नहीं, हमें वचन दो 
ऐसे पाप को रोकोगे ;
स्वयं कभी ऐसा करने की 
मन से भी ना सोचोगे .

                              शिखा कौशिक 'नूतन'

6 टिप्‍पणियां:

Shalini kaushik ने कहा…

चैत्र -नवरात्रि व् नवसंवत्सर २०७१ की हार्दिक शुभकामनायें !

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज रविवार (01-03-2014) को "'बोलते शब्द'' (चर्चा मंच-1568) पर भी है!
--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
नवसम्वतसर २०७१ की
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
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आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज सोमवार (31-03-2014) को "'बोलते शब्द'' (चर्चा मंच-1568) पर भी है!
--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
नवसम्वतसर २०७१ की
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

Vandana Ramasingh ने कहा…

पूजन नहीं, हमें वचन दो
ऐसे पाप को रोकोगे ;
स्वयं कभी ऐसा करने की
मन से भी ना सोचोगे .

sundar sandesh

आशीष अवस्थी ने कहा…

बहुत उत्तम व गहरे विचार प्रकट करती आपकी रचना , आदरणीय शिखा जी धन्यवाद !
नवीन प्रकाशन -: बुद्धिवर्धक कहानियाँ - ( ~ त्याग में आनंद ~ ) - { Inspiring stories part - 4 }

Unknown ने कहा…

सुन्दर रचना
मेरे ब्लॉग पर भी मैंने बेटी पर कविता लिखी है | कृपया पधारे

http://savitrikala.blogspot.in/2014/03/beti_7.html