लघु -कथा-रिक्वेस्ट
''सुनो ....'' लेट नाइट न्यू ईयर पार्टी अटैंड कर सोहा जैसे ही क्लब से बाहर आकर सड़क पर ऑटो का इंतजार करने लगी उसे पीछे से किसी ने आवाज़ दी . सोहा ने पीछे मुड़कर देखा तो ये साजिद था .साजिद ने सोहा के पास पहुँचते हुए कहा-'' सोहा ...लो तुम मेरी ये जर्सी पहन लो और जल्दी से मेरी बाइक पर सवार हो जाओ ....कोई सवाल करना हो तो बाद में करना !'' सोहा कुछ समझ नहीं पाई पर अपनी मॉर्डन ड्रेस पर उसे शर्मिंदगी हो आई .कुछ फ्रेंड्स के उकसाने पर सोहा ने ये ड्रेस पहन तो ली थी पर सहज महसूस नहीं कर रही थी .साजिद उसका क्लासमेट बहुत ही शालीन लड़का है ये वो अच्छी तरह जानती थी इसीलिए बिना कोई सवाल किये उसने साजिद की जर्सी पहन ली और उसकी बाइक पर पीछे बैठ गयी .साजिद ने सोहा के बाइक पर बैठते ही बाइक स्टार्ट की और सोहा के घर की ओर दौड़ा दी . साजिद ने सोहा के घर के ठीक सामने पहुंचकर बाइक के ब्रेक लगा दिए .सोहा ने बाइक से उतरते हुए लम्बी सांस ली और बोली -'' अल्लाह ! आज तो तुम मेरी जान ही लेते ...इतनी रफ़्तार से बाइक दौड़ाई कि मेरी तो कुल्फी ही जम गयी !'' सोहा की इस बात पर साजिद हलके से मुस्कुराया और नरम लहज़े में बोला -'' सोहा बुरा मत मानना ...एक रिक्वेस्ट है तुमसे ..प्लीज़ कभी आगे से लेट नाइट पार्टीज़ में मत जाना और ऐसी मॉर्डन ड्रेसेज मत पहनना ...वो तो मैं माँ की तबियत अचानक ख़राब हो जाने के कारण फॅमिली डॉक्टर से दवाई लिखवाकर मेडिकल स्टोर से दवाई ले रहा था कि कुछ शराबी लड़कों की बात सुनी .वे कह रहे थे कि आज क्लब में कई लड़कियां हैं .उनमे से ही किसी को मौका लगते ही शिकार बना लेंगें .मैं दवाई लेकर क्लब के सामने से गुजरा तो तुम्हे वहाँ खड़ा देखकर मेरी तो सांसें ही थम गयी .....यदि मैं जल्दी न करता तो वे लड़के न मुझे छोड़ते और न तुम्हें .'' साजिद की बात सुनकर सोहा घबरा गयी और बोली -'' साजिद वहाँ और लड़कियां भी हैं ...कहीं वे उन शराबियों की हवस का शिकार न बन जाएँ !'' साजिद उसे सांत्वना देता हुआ बोला -'' रिलैक्स....मैंने पुलिस को फोन कर इस के बारे में बता दिया था .पुलिस अब तक वहाँ पहुँच चुकी होगी ..और हाँ तुम मेरी जर्सी जल्दी से दो ...घर पर माँ से पिटाई जरूर होगी ..वे सोच रही होंगी कहाँ रह गया ....एक तो वे बीमार और ऊपर से इतनी देर हो गयी दवाई ले जाने में .'' सोहा ने जर्सी फटाफट उतारकर साजिद को पकड़ाते हुए कहा -'' मेरी ओर से उनसे माफ़ी मांग लेना ...अल्लाह करे ऐसा नेक बेटा हर माँ को मिले ...थैंक्स !'' ये कहते कहते उसकी आँखों में पानी आ गया .साजिद ने बाइक स्टार्ट की और '' अल्लाह हाफिज''कर अपने घर की और निकल लिया .
शिखा कौशिक 'नूतन'
3 टिप्पणियां:
बहुत सुन्दर।
सुप्रभात।
नववर्ष में...
स्वस्थ रहो प्रसन्न रहो।
आपका दिन मंगलमय हो।
बढ़िया प्रस्तुति है आदरणीया -
बधाई -
ऐसे लडके कहां मिलते हैं
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