गुरुवार, 16 जनवरी 2014

मेरी माँ सबसे अच्छी -लघु कथा...

Mother and daughter in the park - stock photo
''मॉम आपको नहीं लगता मैं आपसे ज्यादा लकी हूँ .मैं जो चाहती हूँ पहन सकती हूँ ,घूम-फिर सकती हूँ ,जितना चाहूं पढ़ सकती हूँ .....मुझ पर वे पाबंदियां नहीं जो आपको झेलनी पड़ी !'' किशोरी स्वाति ने सोफे पर बैठी अपनी मॉम के गले में पीछे से आकर बाहें डालते हुए ये सब कहा तो उसकी मॉम ने मुड़कर उसे देखते हुए उत्तर दिया -'' ...पर एक बात में मैं तुमसे हमेशा लकी रहूंगी ...पूछो क्या ?'' स्वाति विस्मित होते हुए बोली -'' वो क्या मॉम ?'' मॉम मुस्कुराती हुई बोली -'' वो ये कि मेरी माँ तुम्हारी मॉम से ज्यादा अच्छी थी .'' स्वाति इंकार में गर्दन हिलाते हुए बोली -'' नो मॉम ...आप दुनिया की सबसे अच्छी माँ हो ..इस मामले में भी मैं ही आपसे ज्यादा लकी हूँ !'' स्वाति की मॉम उसकी इस बात पर चुटकी लेते हुए बोली -'' इस बात से मैं क्या कोई भी बेटी कभी सहमत नहीं हो सकती ..मेरे लिए मेरी माँ बेस्ट थी और आने वाले समय में जब तुम एक प्यारी सी बेटी की माँ बनोगी तब तुम्हारी बेटी यही कहेगी ...नो मॉम आप दुनिया की सबसे अच्छी माँ हो ...तब समझ आएगा तुम्हे .'' मॉम की इस बात पर स्वाति शरमा गयी और झुककर माँ के गले लग गयी !''
शिखा कौशिक 'नूतन'

2 टिप्‍पणियां:

डा श्याम गुप्त ने कहा…

----सुन्दर कथा है...
..चित्र में बेटी -बच्ची व माँ स्वयं किशोरी लग रही है ...

Prof Shalima Tabassum ने कहा…

Dil ko chho liya.