रे मनुवा मेरे . ss ss ..रे मनुवा मेरे..ss ss ....रे मनुवा मेरे ...s s s s.......|
भूल न जाना रे ....ss ........भूल न जाना रे ...ss ....|
माया बिनु कब कौन चला है रे s s s s s..
माया बिनु कब जग चलता है रे ss ss |
पर हरि साथ नहीं होंगे तो,
माया नाच नचाये रे ....ss ss | ...रे मनुवा मेरे .....||
बिनु हरि माया काम न आये,
शक्ति-अहं में तू भरमाये |
धन-सत्ता और सुरा-सुन्दरी ,
में रम जाए रे .....
तू रम जाये रे ......| ... ..... रे मनुवा मेरे ....||
माया प्रकृति शक्ति ही यथा-
नारी रूप सजाया |
अंतरमन से जान जो चाहे ,
जीवन की सुख छाया |
उस प्रभु का कर धन्यवाद ,
यह सुन्दर सृष्टि रचाई |
बाह्य रूप छूने-पाने की -
इच्छा, पाप कमाई |
साक्षी-भाव रहे जो मन, नहिं -
बाह्य रूप ललचाये |
दृष्टा-भाव उसे पूजे, मन-
नहीं वासना आये |
पाप-कर्म नहिं भाये ,
अनुचित कर्म न भाये |
भूल न जाना रे ....ss ...ss...भूल न जाना रे ...
रे मनुवा मेरे...ss . रे मनुवा ssss,,,मेरे .......रे मनुवा..ss .. मेरे ...sssss..||
4 टिप्पणियां:
बहुत सुन्दर भावनात्मक अभिव्यक्ति बेटी न जन्म ले यहाँ कहना ही पड़ गया . आप भी जाने मानवाधिकार व् कानून :क्या अपराधियों के लिए ही बने हैं ?
अति सुन्दर गीत....
धन्यवाद अमृता जी , प्रदीप जी एवं शालिनी जी ...
bahut sunder abhivyakti.
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