शुक्रवार, 18 जनवरी 2013

हत्यारे को सांत्वना - लघु कथा

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''...कमला बुआ चल बसी सीमा '' पड़ोस की चाची ने ज्यों ही सूचित किया आँख भर आई .उनके साथ बिताये पलों की सारी  स्मृतियाँ  एक एक कर ह्रदय को विचलित करने लगी .उनके गोद लिए बेटे विलास ने कमला बुआ के पति के दो साल पहले हुए देहांत के बाद से उनको इतना मानसिक रूप से प्रताड़ित किया था कि शब्दों में कमला बुआ की  व्यथा को व्यक्त करना संभव नहीं था . चाची झंझोरते हुए बोली -''सीमा ...सीमा  चल उनके घर शोक प्रकट कर आये .'' मन में आया कि मना कर दूं .किससे जाकर उनकी मृत्यु का शोक प्रकट करूँ ?उस गोद लिए साँप से जिसने अपने जहरीले आचरण से उनकी सारी खुशियाँ ही डस डाली पर एकाएक मन में एक संकल्प लिया और चाची के साथ कमला बुआ के घर की ओर चल दी .उनके घर के हॉलनुमा उस कमरे में काफी लोग नीचे बैठे हुए थे .विलास सिर झुकाकर बैठा हुआ था .उसे देखते ही कमला बुआ आँखों के आगे आकर खड़ी हो गयी-''....सीमा ...विलास ने तुम्हारे अंकल जी के मरते ही सारी ऍफ़ डी .चुरा ली ....सीमा विलास की बहू मुझे दो रोटी देने में भी नखरे दिखाती है ......'' और फिर दिखी छाती पीटती-गिडगिडाती हुई  ''...सीमा हो न हो इसने ही कुछ देकर तुम्हारे अंकल जी को मार डाला है .'' ये सब सोचते सोचते कब मैं विलास के पास पहुँच गयी और उसके गाल पर जोरदार तमाचा जड़ दिया मैं नहीं समझ पाई .विलास जोर से चीखा -''....दीदी ...''  मैं होश में आते ही बिफर पड़ी -''मिल गया तुझे सुकून ...आज का दिन तो तेरे लिए स्वर्णिम दिन है ...सारी  संपत्ति का मालिक जो हो गया पर ...आज तुझसे ज्यादा गरीब कोई नहीं ...तूने असीम स्नेह करने वाली ममतामयी माँ को जो खो दिया है दुष्ट !!...और आप सब जो इसे सांत्वना देने आये हैं क्या नहीं जानते इसने कमला बुआ को कितना तडपाया है ?इसे सांत्वना देना ऐसा ही है जैसे हम किसी हत्यारे को हिम्मत   बंधा रहे हो .कमला बुआ मरी नहीं उनकी हत्या की है इसने .'' यह कहकर एक घृणित दृष्टि मैंने विलास पर डाली और तेज़ कदमो से वहां से चल दी .
        शिखा कौशिक ''नूतन'' 

4 टिप्‍पणियां:

Pratibha Verma ने कहा…

मार्मिक ...बहुत ही दयनीय स्थिति है हमारे समाज कि ...

Shalini kaushik ने कहा…

बहुत सही बात कही है आपने .सार्थक भावनात्मक अभिव्यक्ति कलम आज भी उन्हीं की जय बोलेगी ...... आप भी जाने @ट्वीटर कमाल खान :अफज़ल गुरु के अपराध का दंड जानें .

रविकर ने कहा…

उफ़ |
शुभकामनायें आदरेया ||

Shikha Kaushik ने कहा…

बहुत सही टिप्पणी हार्दिक आभार हम हिंदी चिट्ठाकार हैं