मंगलवार, 7 अगस्त 2012

हरे रामा हरे कृष्णा का इस्लामी लिंक

रमजान के इस पवित्र महीने में एक ऐसा आलेख पढने को मिला जिसने सचमुच मन को मोह लिया । इस आलेख में अंक 786 को हिन्दू मुसिलम एकता की मिसाल के तौर पर जिस प्रकार प्रस्तुत किया है वह सचमुच प्रशंसा का विषय है। जिस नये तथ्य से इस आलेख में परिचित कराया गया है वह इस प्रकार है कि अरबी भाषा में प्रत्येक अक्षर को एक गिनती दी गयी है जिसे ‘‘अबजद ’’ कहा जाता है । अरबी के सभी अक्षरों के नम्बर इस प्रकार हैं,
अलिफ़ =1,बे=2,जीम=3,दाल=4,हे=5,=वाओ=6, ज़े=7,बड़ी हे =8,तूए के =9,ये =10 छोटा काफ =20,लाम=30,मीम=40,नून के =50,सीन=60,ऐन =70,फे=80,स्वाद =90, बड़े काफ =100,रे =200,शीन =300,ते =400,से=500,खे=600,जाल -700,जवाद =800 जोए =900,गैन=1000,
मुस्लिम भाई सामान्यतः किसी कार्य को आरंभ करने से पूर्व बिस्मिल्लाह हिर रहमानिर रहीम यानी ‘अल्लाह के नाम से शुरू करता हूं’ कहकर ईश्वर को अवश्य याद करते हैं । इस वाक्य में आये शब्दों को अबजद के आधार के उपरोक्तानुसार अंक आबंटित कर योग करने पर आने वाला अंक 786 होता है इसीलिये मुस्लिम इस अंक को सौभाग्यकारी अंक मानते है। जिस प्रकार सामान्यतः कोई नया कार्य आरंभ करने पर मुस्ल्मि भाई बिस्मिल्लाह हिर रहमानिर रहीम कहते है ठीक उसी तरहा अधिकांश हिन्दू कोई नया कार्य आरंभ करने पर ‘हरे रामा हरे कृष्णा कहते हैं एक अनोखी बात है कि हिन्दुओ में प्रचलित वाक्यांश हरे रामा हरे कृष्णा में आये शब्दों को अबजद के आधार के उपरोक्तानुसार अंक आबंटित करने पर भी आने वाला योग अंक 786 ही होता है। है न यह अजब संयोग !! या फिर हिन्दू मुस्लिम एकता का अनोखा उदारहरण । आलेख लिखने वाले ब्लागर आदिल रशीद साहब को इसके लिये बधाई।

3 टिप्‍पणियां:

Shalini kaushik ने कहा…

bahut sundar prastuti.bharatvarsh vaise bhi hindu muslim prem par hi tika hua hai.aabhar.

Shikha Kaushik ने कहा…

shubh sandesh prasarit karti post .kuchh bhartiy nari ki vartman sthiti par bhi prastuti den .aabhar

virendra sharma ने कहा…

एक खूब सूरत तथ्य की और आप ध्यान लाये ,शुक्रिया ,कौमी एकता की हर पहर इस दौर में ज़रुरत है ....

ram ram bhai

मंगलवार, 7 अगस्त 2012

भौतिक और भावजगत(मनो -शरीर ) की सेहत भी जुडी है आपकी रीढ़ से