शुक्रवार, 24 अगस्त 2012

मूल प्रश्न है बेटियां, दर्द भरे हालात-

मैंने हार अभी न मानी

Kailash Sharma
Kashish - My Poetry  

घड़ा पाप का भर चुका, ईंधन संचित ढेर ।
देर नहीं अंधेर है, इक चिंगारी हेर ।
इक चिंगारी हेर, ढेर कर घट मंसूबे ।
होवे तभी सवेर, अभी तक क्यूँ न ऊबे ।
 बची गर्भ में किन्तु, इरादा गलत बाप का ।
डुबा दूध में मार, रहा भर घड़ा पाप का ।।

बहू लायेंगे इंग्लैंड से

neel pardeep
All India Bloggers' Associationऑल इंडिया ब्लॉगर्स एसोसियेशन
बहू कहाँ से आयगी, बेमानी हैं बात |
मूल प्रश्न है बेटियां, दर्द भरे हालात |
दर्द भरे हालात, मर्द यूँ ही जी लेगा |
भूला रिश्ते नात, भला विज्ञान करेगा |
है उन्नत विज्ञान, जात मानव ना नाशे |
पुत्र पाल निज गर्भ, जरुरी बहू कहाँ से ?? 

9 टिप्‍पणियां:

Mamta Bajpai ने कहा…

वास्तव में चिंता का विषय है .....
असल में मानसिक परिवर्तन की जरुरत है

DR. ANWER JAMAL ने कहा…

मानसिकता बदलने की ज़रुरत है.

***Punam*** ने कहा…

पहले कोग समझें तो कि वो कहाँ पर अटके हुए हैं....सब दूसरों को समझते हैं और खुद से आँख बंद करके बैठ जाते हैं....मानसिकता बदलने के लिए पहले हम खुद को बदलें...!!

है उन्नत विज्ञान, जात मानव ना नाशे |
पुत्र पाल निज गर्भ, जरुरी बहू कहाँ से ??

Shikha Kaushik ने कहा…

sach likha hai aapne .aabhar

Shalini kaushik ने कहा…

betiyon ke liye jab swarg se sundar ghar kee aakanksha karo pahle bahu ke liye ghar me dharti ke rang to bharo.nice presentation.संघ भाजपा -मुस्लिम हितैषी :विचित्र किन्तु सत्य.

virendra sharma ने कहा…

बहू कहाँ से आयगी, बेमानी हैं बात |
मूल प्रश्न है बेटियां, दर्द भरे हालात |
दर्द भरे हालात, मर्द यूँ ही जी लेगा |
भूला रिश्ते नात, भला विज्ञान करेगा |
है उन्नत विज्ञान, जात मानव ना नाशे |
पुत्र पाल निज गर्भ, जरुरी बहू कहाँ से ?? बिलकुल रविकर भाई एक औरत सिर्फ दूसरी औरत की मदद से अपना क्लोन पैदा कर सकती है इस प्रकार सिर्फ लडकियां ही पैदा होंगी ,मर्द बिना ,दिल सर्द बिना .इस तकनीक को कहतें हैं enucleation जिसके तहत एक महिला की काया कोशिका लेके ही क्लोन बन सकता है .सिर्फ इस काया कोशिका का केन्द्रक (न्युक्लिअस )निकाल कर बचे हुए काया कोशिका खोल में दूसरी औरत का न्युक्लिअस रखा जाएगा . बाकी काम टेस्ट ट्यूब कर देगी उचित माध्यम में एम्ब्रियो पकाने का अनंतर एम्ब्रियो रोप दिया जाएगा किसी की भी कोख में वह एक तीसरी महिला भी हो सकती है जिसका न्युक्लिअस होगा क्लोन उसका ही प्रसवित होगा ४० सप्ताह के गर्भ काल के बाद , .कृपया यहाँ भी पधारें -
गृधसी नाड़ी और टांगों का दर्द (Sciatica & Leg Pain)
गृधसी नाड़ी और टांगों का दर्द (Sciatica & Leg Pain)

सुष्मना ,पिंगला और इड़ा हमारे शरीर की तीन प्रधान नाड़ियाँ है लेकिन नसों का एक पूरा नेटवर्क है हमारी काया में इनमें से सबसे लम्बी नस को हम नाड़ी कहने का लोभ संवरण नहीं कर पा रहें हैं .यही सबसे लम्बी और बड़ी (दीर्घतमा ) नस (नाड़ी )है :गृधसी या सियाटिका .हमारी कमर के निचले भाग में पांच छोटी छोटी नसों के संधि स्थल से इसका आगाज़ होता है और इसका अंजाम पैर के अगूंठों पर जाके होता है .यानी नितम्ब के,हिप्स के , जहां जोड़ हैं वहां से चलती है यह और वाया हमारे श्रोणी क्षेत्र (Pelvis),जांघ (जंघा ) के पिछले हिस्से ,से होते हुए घुटनों पिंडलियों से होती अगूंठों तक जाती है यह अकेली नस ,तंत्रिका या नाड़ी(माफ़ कीजिए इसे नाड़ी कहने की छूट आपसे ले चुका हूँ ).

virendra sharma ने कहा…

इस प्रकार गायब होती लड़कियों की कमी लडकियां ही पूरी करेंगी ,फिर ये आधी नहीं पूरी आबादी कहलाएंगी ,मर्द अपने दम्भ को समाज बे -वकूफी को कोसेगा ,पूत बगलें झांकेंगे .

shashi purwar ने कहा…

bahut sundar kundaliyaan kailash ji bahut khoob ......sach me badlaav bahut jaroori hai

रविकर ने कहा…

रविकर की कुछ और टिप्पणियां मूल लेख के लिंक सहित आप देख सकते हैं-
dineshkidillagi.blogspot.com