सुमन ने पिया के हाथ में गिफ्ट देखा तो तपाक से उससे गिफ्ट झपटने की कोशिश करते हुए हुए बोली 'अरे दिखा ना साहिल ने क्या गिफ्ट दिया है ?'' पिया ने न चाहते हुए भी गिफ्ट पैक उसे पकड़ा दिया . सुमन बंद गिफ्ट पैक को हिलाते हुए बोली -'' लगता है कुछ ज्यादा ही मंहगा गिफ्ट दिया है साहिल ने तुझे ...कुछ भी कहो रजत से ज्यादा दिलदार है साहिल .अच्छा हुआ जो तूने उससे ब्रेकअप कर लिया .'' पिया इठलाते हुए बोली -''अरे जो अच्छे गिफ्ट नहीं दे सकता मुझे ..वो शादी के बाद मेरे नखरे कैसे उठाता ? यू नो मैं कितनी खर्चीली हूँ ..जो भी अच्छी चीज़ देखी खरीदने को मन मचल जाता है ...रजत मेरे टाइप का था ही नहीं ..बस थोड़े दिन टाइम पास कर लिया उसके साथ...बोरिंग ..और ये देखो एक सप्ताह भी साहिल से दोस्ती हुए नहीं हुआ और इतना बड़ा गिफ्ट ....अरे खोलो ना ...आई कांट वेट ...!'' पिया के ये कहते ही सुमन ने ज्यूँ ही गिफ्ट पैक खोला वे दोनों उसके अंदर रखी चीज़ को देखकर हैरान रह गयी .गिफ्ट पैक में दो शीशियां रखी थी .एक पर लिखा था गुलाब का इत्र और दूसरी पर तेजाब .साथ में एक पत्र भी था .पिया ने तुरंत उस पत्र को उठाकर खोलकर पढ़ना शुरू किया .उसमे लिखा था -'' पिया तुम क्या सोचती हो ..तुमने अपने खूबसूरती के जाल में मुझे फंसा लिया ...यू आर मैड ! तुम मुझे नहीं फंसा सकती थी क्योंकि मैं रजत का दोस्त हूँ और अच्छे-बुरे का अंतर जानता हूँ .मेरा दोस्त रजत तो गुलाब के इत्र की तरह है जो अपनी खुशबू से सारे संसार को महका सकता है .तुमने उसके साथ मसखरी कर उसका दिल तोडा पर वो फिर भी तुम्हारे सुखद भविष्य की कामना करता है पर मैं इस गिफ्ट में रखे तेजाब की तरह हूँ मैं धोखा देने वाले को जलाकर ख़ाक कर देने में यकीन करता हूँ .बेहतर होगा भविष्य में तुम मुझसे दूर ही रहो .आशा करता हूँ तुम्हे मेरा गिफ्ट बहुत पसंद आएगा ..'' ये पढ़ते-पढ़ते पिया के पसीने छूट गए .उसे आज समझ में आया कि उसकी सोच कितनी घिनौनी है जिसने रजत जैसे हीरे को हमेशा के लिए खो दिया था .
शिखा कौशिक 'नूतन'
शिखा कौशिक 'नूतन'
5 टिप्पणियां:
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल सोमवार (08-12-2014) को "FDI की जरुरत भारत को नही है" (चर्चा-1821) पर भी होगी।
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सभी पाठकों को हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
प्यार अनमोल होता है. वो गिफ्ट से
आँका नही जाता. बढ़िया प्रस्तुति.
होती है ऐसी भी नारियाँ।
सुंदर लघु कथा...प्रिया को यह सबक आजीवन याद रहेगा ...
प्रेम को वास्तव में समझना इस समाज की बहुत बड़ी जरूरत है लेकिन आजकल जो विकृत स्वरूप दिखाई दे रहा है उस पर अच्छी चोट की है आपने बहुत २ बधाई
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