इस प्रकृति की रचना ही ऐसी है कि जो चीज़ जितनी ज़्यादा अहम है, वह उतनी ही ज़्यादा आसानी से मिल जाती है। शान्ति के लिए आपकी चाहत ही काफ़ी है। जब आप किसी चीज़ को दिल से, पूरी शिद्दत से चाहते हैं तो वह ख़ुद ही आपकी तरफ़ खिंची चली आती है।
आपको शान्ति चाहिए?
बस, आप इरादा कीजिए कि आप शान्त हैं। लीजिए, आप शान्त हो गए। अब आप अपनी शान्ति को भंग करने वाला, उसे नुक्सान पहुंचाने वाला कोई काम न करें। आपकी शान्ति बनी रहेगी। आप सिर्फ़ 24 घंटे शान्ति के इस भाव के साथ जीने की कोशिश कीजिए। आपके जीने का अन्दाज़ ही बदल जाएगा। आपके बीवी-बच्चे, पड़ोसी, रिश्तेदार और दोस्त आपसे रोज़ाना की तरह बर्ताव करेंगे लेकिन सिर्फ़ चन्द रोज़। आप उनकी बातों को सुनें लेकिन आप हर हाल में उन्हें शान्ति भरी प्रतिक्रिया ही दें। आपके मन में पुरानी यादें यानि भूतकाल की घटनाओं के भूत बड़ा हंगामा मचाएंगे लेकिन आप उन्हें कोई रिएक्शन मत देना। वे भी शांत होते चले जाएंगे।
आप हर समय अपना संकल्प याद रखें कि आप शान्त हैं। अगर आप मानते हैं कि आप शान्त हैं तो फिर आप शान्त हैं।
क्यों है न बिलकुल आसान उपाय ?
…फिर इसे आपने अब तक आज़माया क्यों नहीं है ?
आपको शान्ति चाहिए?
बस, आप इरादा कीजिए कि आप शान्त हैं। लीजिए, आप शान्त हो गए। अब आप अपनी शान्ति को भंग करने वाला, उसे नुक्सान पहुंचाने वाला कोई काम न करें। आपकी शान्ति बनी रहेगी। आप सिर्फ़ 24 घंटे शान्ति के इस भाव के साथ जीने की कोशिश कीजिए। आपके जीने का अन्दाज़ ही बदल जाएगा। आपके बीवी-बच्चे, पड़ोसी, रिश्तेदार और दोस्त आपसे रोज़ाना की तरह बर्ताव करेंगे लेकिन सिर्फ़ चन्द रोज़। आप उनकी बातों को सुनें लेकिन आप हर हाल में उन्हें शान्ति भरी प्रतिक्रिया ही दें। आपके मन में पुरानी यादें यानि भूतकाल की घटनाओं के भूत बड़ा हंगामा मचाएंगे लेकिन आप उन्हें कोई रिएक्शन मत देना। वे भी शांत होते चले जाएंगे।
आप हर समय अपना संकल्प याद रखें कि आप शान्त हैं। अगर आप मानते हैं कि आप शान्त हैं तो फिर आप शान्त हैं।
क्यों है न बिलकुल आसान उपाय ?
…फिर इसे आपने अब तक आज़माया क्यों नहीं है ?
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