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मंगलवार, 13 अक्टूबर 2015

दुर्गा देवी रहस्य ...डा श्याम गुप्त

      दुर्गा देवी रहस्य ...

महादेवी दुर्गा को तीन महा-शक्तियों --महाकाली, शक्ति की देवी...महालक्ष्मी
,धन-संमृद्धि की देवी तथा महासरस्वती, विद्या व ज्ञान की देवी ....का सम्मिलित अवतार कहा जाता है |
महादेवी दुर्गा समस्त दानवों, असुरों व दुष्टों व दुष्टता के विनाश का कारण बनती हैं...| इस तथ्य का तात्विक अर्थ है कि जब जब समाज में फैले अनाचार, असुरता आदि के विनाश की आवश्यकता होती है तो वे सभी व्यक्ति व विद्वान् जिनके पास धन बल है...शक्ति है एवं वुद्धि व ज्ञान का बल है सभी को समाज से बुराई को दूर करने हेतु संगठित होकर कार्य करना चाहिए |
भगवान राम ने रावण पर विजय से पूर्व इसी महाशक्ति की आराधना की थी | इसका तत्वार्थ है कि सर्व-शक्तिमान भी जब तक प्रकृति -शक्ति से नहीं जुड़ते ..विजयश्री उन्हें प्राप्त नहीं होती |

विश्व की हर सभ्यता व देश में --सिंह वाहिनी देवी की उपस्थिति है--- चित्र -गूगल साभार ---चित्र विवरण के लिए चित्र पर क्लिक करें --बड़े आकार के साथ देखें ---
अतार्गिस--सीरिया

सिबेल्ला-पोम्पेयी


अशीराह---योरोप--हिब्रू

ताजकिस्तान

अल्लत -सीरिया

ग्रीक---देवी जीयससे लड़ते हुए 

स्केमेट- मिश्र  की युद्ध देवी

इन्नाना--सुमेरिया

जेनेट--रूस

आर्ट---लायन गोडेस --कनाडा

मोहन जोदारो


'दुर्गा --भारत'




'सीरिया -अतार्गिस ..'
'वेंशू --चाइनीज़-तिब्बत'
'सेबेल्ला -पोम्पेयी'
'सिंह वाहिनी---चेल्दियांस'
Drshyam Gupta's photo.
ईस्टर--मेसोपोटामिया
Drshyam Gupta's photo.
सिबेले--रोम की ग्रेट मदर
Drshyam Gupta's photo.
श्रीलंका
Drshyam Gupta's photo.
वेंस्हू ---तिब्बत-चीन

शुक्रवार, 3 अप्रैल 2015

इनसे कुछ नहीं होगा --डा श्याम गुप्त



इनसे कुछ नहीं होगा

-----आदिशक्ति...नारी सृष्टि का आधार है, परन्तु ‘एकोहं बहुस्यामि’ के सृष्टि-विचार का आधार तो ब्रह्म...पुरुष ही है |
---मनुस्मृति-पुरुष ही लिखता है, किसी भी नारी ने कोई महान कालजयी ग्रन्थ की रचना की है?..नहीं| इसमें पुरुष-प्रधान समाज का घिसा-पिटा गाना गाया जासकता है परन्तु उस समाज में तो नारी-पुरुष का समान अधिकार था | तभी तो लोपामुद्रा, घोषा, अपाला, यमी, भारती आदि ऋषिकाओं की उपस्थिति है |
----जब जब भी पुरुष निर्बल, असहाय होजाता है तब-तब नारी दुर्गा रूप लेकर युद्धरत होती है ..यह अवधारणा केवल भारत में ही है, अन्य कहीं है भी तो यहीं से गयी हुईं, फ़ैली हुई संस्कृतियों में व उनकी स्मृतियों/ कथाओं में हैं| परन्तु दुर्गा को बल ब्रह्मा, विष्णु, शिव व अन्य देवता, अर्थात पुरुष ही, अपनी शक्तियों के रूप में देते हैं  तब दुर्गा में शक्ति का अवतरण होता है | उस प्रचंड शक्ति के काली रूपमें  उद्दाम, असंयमित वेग को पुरुष (महादेव) ही रोकता है, नियमित करता है |
-----पुरुष-श्री कृष्ण के गुणों पर नारियां रीझती हैं, विष्णु को पति रूप में पाने हेतु, शिव के लिए भी तप करती हैं ..परन्तु कोइ एसा केंद्रीय नारी चरित्र नहीं है जिसके गुणों पर संसार भर के पुरुष रीझ जाएँ | हाँ शारीरिक रूप सौन्दर्य के दीवानों की गाथाएँ अवश्य मिलतीं हैं |
           अतः निश्चय ही सृष्टि की जनक नारी है परन्तु पुरुष की नियमन व्यवस्था के अनुसार | अतः आज के परिप्रेक्ष्य में ---
-----वे पुरुष के आचरण सुधार की बातें करती रहेंगी एवं स्वयं सलमान खान व शाहरुख के पीछे भागती रहेंगीं|
-----वे हीरोइनों के वस्त्राभूषणों की नक़ल करेंगीं, स्वतंत्र रूप से रात-विरात अकेली स्वच्छंदता का भी अनुसरण करेंगीं (जबकि हीरोइनें तो बोडीगार्ड के साथ रहती हैं)| हीरोइनों के पीछे भागने की वजाय सलमान, शाहरुख के पीछे भागेंगी | ( कुछ विद्वान नारियां हर काल की तरह अपवाद भी होती हैं )
------वे कहेंगीं कि समाज अपनी सोच बदले | समाज में तो स्त्री-पुरुष दोनों ही होते हैं अकेले पुरुष से कब समाज बनाता है अतः दोनों को ही सोच बदलनी चाहिए |
-----वे पुरुष को साधू-संत बनाने को कहेंगीं परन्तु स्वयं डायरेक्टर की इच्छा/आज्ञा पर /पैसे के लिए वस्त्र उतारती रहेंगीं |
------ वे देह –दर्शना वस्त्र पहनती रहेंगीं, उनका तर्क है की छोटी-छोटी बालिकाओं से, गाँव में पूरे वस्त्र पहने महिलाओं से भी वलात्कार होता है अतः वस्त्र कम पहनने से कुछ नहीं होता अपितु पुरुष व समाज को अपनी मानसिकता बदलनी होगी| वे भूल जाती हैं कि- कम वस्त्रों, अश्लील चित्रों, सिनेमा, विज्ञापन आदि से जाग्रत उद्दाम वासना से जो भी व्यक्ति की पहुँच में होगा वही प्रभावित होगा | आप तो बाडीगार्ड, परिवार आदि की सुरक्षा में हैं, कौन हाथ डालने की हिंम्मत करेगा| चोर किसी प्रधानमन्त्री या पुलिस वाले के घर चोरी करने थोड़े ही जायेगा, जहां सुरक्षा कम है वहीं दांव लगाएगा |
-------   इनसे कुछ नहीं होगा |

         अतः हे पुरुषो ! ब्रह्म रूप बनो, अपनी ज्ञान, विवेक व सदाचरण रूपी दैविक शक्तियां जाग्रत करो...उदाहरण बनो और अपनी जाग्रत शक्तियों को प्रदान करो नारी को ताकि वह पुनः दुर्गा का दुष्ट दलन रूप बनकर समाज में पूज्य बने | और आप सच में ही---“यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता” के महामंत्र के गान के योग्य बनें |

रविवार, 19 मई 2013

मेरा अंतर्द्वंद



दुनिया की भीड़ में,
इस जीवन की भागदौड़ में
तुम कहीं दूर आगे निकल गये हो
मेरा हाथ तुमसे छूट गया है
जैसे कोई अपना मुझसे रूठ गया है


शायद ग़लती मेरी थी
मैं ज़्यादा ही आपेक्षाएँ कर बैठी थी तुमसे
मुझे समझना चाहिए
तुम्हारा रास्ता तो पहले से ही अलग था
मैं जिसमें अपना अक्स देखती रही
वो तुम नही थे,ना ना कभी हो भी नही सकते
शायद तुम्हारी परीछाई के पीछे भाग रही थी
अब मैने अपने चंचल मन को समझा दिया है
उदासी में भी हँसना उसे सिखा दिया है


पहले एक दिन में
तुम्हारे इंतज़ार में बेचैन हो जाती थी
देखो अब मन स्याना हो चला है
और मैं भी,
देखो एक सप्ताह हो चला है
तुम्हारा कोई पैगाम आए
और मैं अभी तक साँस ले रही हूँ
बिल्कुल वैसे ही जैसे तुम व्यस्त हो,
सब काम जल्दी से निपटाने में
बिना अपनी पगली की चिंता किए,
है ना.......

मंगलवार, 19 फ़रवरी 2013

श्याम स्मृति....दुर्गा देवी रहस्य ....एवं दशशीश रावण की हार के तत्वार्थ.....डा श्याम गुप्त




          महादेवी दुर्गा  को तीन महा-शक्तियों --महाकाली, शक्ति की देवी...महालक्ष्मी ,धन-संमृद्धि की देवी तथा महासरस्वती, विद्या व ज्ञान की देवी ....का  सम्मिलित अवतार कहा जाता है  |
          महादेवी दुर्गा समस्त दानवों, असुरों व दुष्टों व दुष्टता के विनाश का कारण बनती हैं...| इस तथ्य का तात्विक अर्थ है कि जब जब समाज में फैले अनाचार, असुरता आदि के विनाश की आवश्यकता होती है तो वे सभी व्यक्ति व विद्वान् जिनके पास धन बल है...शक्ति है एवं वुद्धि व ज्ञान का बल है सभी को  समाज से बुराई को दूर करने हेतु संगठित होकर कार्य करना चाहिए |
          भगवान राम ने रावण पर विजय से पूर्व इसी महाशक्ति की आराधना की थी | इसका तत्वार्थ है कि सर्व-शक्तिमान भी जब तक प्रकृति -शक्ति से नहीं जुड़ते ..विजयश्री उन्हें प्राप्त नहीं होती |