सोमवार, 10 जून 2019

केवल एक मांग - फांसी दो

वास्तव में ट्विंकल जैसी कलियों का दुष्टों द्वारा नोंचा जाना हमारे पूरे सामाजिक व प्रशासनिक संगठन पर एक चुभता प्रश्नचिन्ह है. विभत्सता की पराकाष्ठा है ये. जिन उम्मीदों के साथ उत्तर प्रदेश सरकार चुनी गई थी, वे उम्मीदें मिट्टी में मिल रही हैं. जनता एक सुरक्षित वातावरण चाहती है ताकि भविष्य में ऐसी दुर्घटना घटित न हो. ट्विंकल के पिता ने मुख्यमंत्री जी से भेंट न करने का निर्णय लेकर साफ संदेश दिया है कि मात्र नवरात्रि में कन्या पूजन कर प्रदेश की बेटियों के प्रति आपका उत्तरदायित्व पूर्ण नहीं हो जाता है. दोषियों को सजा मिले व भविष्य में ऐसी कोई घटना घटित न हो, इसके लिए भी प्रदेश सरकार को दृढ़ता के साथ संकल्पित होने की आवश्यकता है.
-डॉ शिखा कौशिक नूतन

3 टिप्‍पणियां:

Pallavi saxena ने कहा…

मौत बेहद आसान सजा होगी ऐसे दरिंदों के लिए। इन्हें तो उम्र भर के लिए तड़पाया जाना चाहिए।

शिवम् मिश्रा ने कहा…

ब्लॉग बुलेटिन की दिनांक 10/06/2019 की बुलेटिन, " गिरीश कर्नाड साहब को ब्लॉग बुलेटिन का सलाम “ , में आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (12-06-2019) को "इंसानियत का रंग " (चर्चा अंक- 3364) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'