शनिवार, 10 मई 2014

औलाद जो सदा माँ के करीब है

सबसे   खुशनसीब

औलाद जो सदा माँ के करीब  है ;
सारी दुनिया में वो ही खुशनसीब  है .
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जिसको परवाह नहीं माँ के सुकून की ;
शैतान का वो बंदा खुद अपना रकीब है .
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दौलतें माँ की दुआओं की नहीं सहेजता 
इंसान ज़माने में वो सबसे गरीब है .
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जो लबों पे माँ के मुस्कान सजा दे 
दिन रात उस बन्दे के दिल में मनती ईद है .
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माँ जो खफा कभी हुई गम-ए -बीमार हो गए ;
माँ की दुआ की हर दवा इसमें मुफीद है .
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है शुक्र उस खुदा का जिसने बनाई माँ !
मुबारक हरेक लम्हा जब उसकी होती दीद है .
   
                         शिखा कौशिक 





4 टिप्‍पणियां:

Shalini kaushik ने कहा…

माँ जो खफा कभी हुई गम-ए -बीमार हो गए ;
माँ की दुआ की हर दवा इसमें मुफीद है .
bahut sundar abhivyakti .badhai

Surendra shukla" Bhramar"5 ने कहा…

बहुत प्यारी रचना .माँ का प्रेम तो अनमोल है .हर माँ को नमन ...बधाई
भ्रमर ५

संध्या शर्मा ने कहा…

है शुक्र उस खुदा का जिसने बनाई माँ !
सचमुच बिन माँ के इस दुनिया कि कल्पना भी नहीँ की जा सकती .... माँ तुझे नमन

Unknown ने कहा…

राना सहाब की दो लाईने याद आ रहीं हैं
जिसके लवों पे कभी बदुआ नहीं होती
माँ मुझसे कभी ख़फा नहीं होती