आधुनिक भारतीय सशक्त समाज आज नित नए किस्म के अपराधों में संलिप्त है जिसमें एक घिनौना अपराध कहा जा सकता है "डेट रेप" को. डेट रेप को हम परिचित द्वारा बलात्कार और डेट पर किए गए व्यभिचार के रूप में देख सकते हैं । दोनों ही वाक्यांश लगभग एक ही सम्बन्ध की ओर संकेत करते हैं, लेकिन डेट रेप में विशेष रूप से वह बलात्कार आता है जिसमें दोनों पक्षों किसी न किसी प्रकार के रोमांटिक या संभावित यौन संबंध में संलिप्त रहे हों.
*आखिर क्या है डेट रेप ?
आधुनिकता की ओर बढ़ते जा रहे हमारे समाज में आजकल डेट पर जाने का प्रचलन काफी तेजी से बढ़ा है.डेट रेप" को लेकर यह तथ्य ध्यान में रखने योग्य है कि डेट रेप हमेशा डेट पर नहीं होता है. इसमें हमलावर कोई ऐसा व्यक्ति भी हो सकता है जिससे आप अभी-अभी मिले हों या कोई ऐसा व्यक्ति जिसे आप कुछ समय से जानते हों.अरेंज मेरिज से लिव इन की ओर खिसक चुकी भारतीय संस्कृति में आजकल ज्यादातर लड़का-लड़की स्वयं या कभी कभी उनके परिजनों द्वारा भी एक दूसरे को जीवनसाथी के रूप में पसंद करने के लिए, एक दूसरे के बारे में जानने के लिए लंच-डिनर आदि के लिए क्लब जैसी जगहों पर जाते हैं. एक दूसरे की पसंद से खाते पीते हैं और अधिकांशतः लड़के पर ही खाना पसंद करने एवं ऑर्डर आदि करने की जिम्मेदारी होती है. लड़की पास में है, जीवनसाथी के रूप में उसे उस लड़के की ही होना है ऐसे में अपराधी प्रवृत्ति का उभरना कोई असम्भव सोच नहीं है. डेट पर आई लड़की की ड्रिंक में नशीली दवा मिलाना कभी कभी मजाक में, कभी पूरा सोच विचारकर उसके साथ रेप करने का कारण बन जाता है, इसी रेप को आज कानून की भाषा में "डेट रेप" कहा जाता है. डेट रेप ड्रग्स जिस लड़की को दिया जाता है वो इतनी बेहोशी की हालत में होती है और ऐसे में अपना बचाव नहीं कर पाती है और यही नहीं होश में आने के बाद जो उसके साथ हुआ उसे वह सब कुछ याद भी नहीं रहता.
डेट रेप मे इस्तेमाल होने वाला नशीला पदार्थ ड्रग्स कहा जाता है और यह अक्सर नाइट क्लब्स और पार्टीज में भी इस्तेमाल होता है. ये साइकोएक्टिव ड्रग्स हैं. ये एक तरह का एनीस्थिसिया यानी बेहोशी की दवा है. जानवरों की सर्जरी के दौरान इस्तेमाल किये जाने वाले इस ड्रग्स को एम. डी. एम. ए कैटामाइन और रोहिपनोल "डेट रेप" ड्रग्स की तरह इस्तेमाल करती है . ये ड्रग्स इतने खतरनाक स्तर की बेहोशी उत्पन्न करते हैं कि इन ड्रग्स से, जिसे ये दिए जाते हैं वह सपने जैसी अवस्था में चला जाता है.
यूरोपियन जनरल की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में जितने यौन हमले होते हैं उनमें 70 प्रतिशत मामलों को तब अंजाम दिया गया जब या तो पीड़िता नशे में थी या आरोपी नशे में था.70 प्रतिशत यौन हमलों को नशे की हालत में अंजाम दिया जाता है
अब एक और रिपोर्ट देखिए जो चौंकाने वाली है. यह अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन के 2017 की एक रिपोर्ट है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 1.1 करोड़ महिलाओं के साथ नशे की हालत में या मादक दवाएं खिलाकर उनके साथ बलात्कार किया गया है. अमेरिका दुनियाभर में सबसे ज्यादा डेट रेप के लिए प्रचलित है. अमेरीका में ही साल 1996 में डेट रेप ड्रग्स के खिलाफ एक सख्त कानून लाया गया.
अमेरिका में एक अनूठा प्रयोग भी किया गया जिससे कि डेट-रेप जैसी घटनाओं को रोका जा सके. यहां कई टेक्नोलॉजी समर्थ सुरक्षा उपकरण विकसित किए गए. ड्रिंकसेवी ने कप ईजाद किए, जो प्लास्टिक के ऐसे कप और स्ट्रा हैं जो जीएचबी, रूफी या कीटामीन के संपर्क में आने से रंग बदल लेते हैं. यानी अगर किसी ने आपकी ड्रिंक में इन दवाओं को मिलाया होगा तो आपके कप का रंग बदल जाएगा.
लड़की को नशा देकर उसके साथ बलात्कार किए जाने की घटनाएं लगभग हर रोज कई ऐसी खबरें पढ़ने को मिल जाती हैं. आमतौर पर कोई परिचित ही लड़की को नशा देकर उसके साथ गलत काम करता है. लड़की को नशे की हालत में पहुंचाने के लिए ड्रग्स का इस्तेमाल किया जाता है. डेट रेप ड्रग्स की चर्चा आजकल मेट्रो सिटीज में ज़ोरों पर है और इससे बचने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी जागरूकता है. डेट-रेप ड्रग्स ऐसे पदार्थ हैं जो बलात्कार या यौन उत्पीड़न जैसे अपराध कारित करना आसान बना देते हैं. जिस शख्स को यह ड्रग्स दिया जाता है वो लगभग बेहोशी की हालत में होता है और ऐसे में अपना बचाव नहीं कर पाता है और होश में आने के बाद भी उसके लिए जो हुआ उसे याद करने में भी उसे परेशानी आती है.
*डेट रेप के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले ड्रग्स -
डेट रेप में कई तरह की ड्रग्स का इस्तेमाल किया जाता है. एक हमलावर कई तरह की ड्रग्स का इस्तेमाल कर सकता है-
1-GHB (गामा-हाइड्रोक्सी ब्यूटीरिक एसिड)
यह एक डिप्रेसेंट ड्रग्स है जिसके कई उपनाम हैं, जैसे इज़ी लेट, जॉर्जिया होम बॉय, लिक्विड एक्स, लिक्विड एक्स्टसी, लिक्विड ई, गिब, जी-रिफ़िक, स्कूप, ऑर्गेनिक क्वाल्यूड, फैंटेसी आदि. डॉक्टर कभी-कभी इस दवाई का इस्तेमाल स्लीप डिसऑर्डर नामक बीमारी के इलाज के लिए करते हैं.
2-रोहिपनोल (फ्लुनिट्राज़ेपम)
रोहिपनोल (फ्लुनिट्राज़ेपम) एक मजबूत बेंजोडायजेपाइन (ट्रैंक्विलाइज़र का एक वर्ग) है जिसे मैक्सिकन वैलियम, सर्कल, रूफीज़, ला रोचा, रोश, आर 2 के रूप में भी जाना जाता है. यह संयुक्त राज्य अमेरिका में कानूनी रूप से उपलब्ध नहीं है.अन्य देशों में, डॉक्टर कभी-कभी सर्जरी से पहले इसे एनेस्थीसिया यानी बेहोशी की दवा के रूप में इस्तेमाल करते हैं.
3-केटामाइन
यह एक ऐसी दवा है जो आपको वास्तविकता से अलग होने का एहसास कराती है. इसके उपनामों में स्पेशल के, विटामिन के और कैट वैलियम शामिल हैं. डॉक्टर और पशु चिकित्सक इसे एनेस्थीसिया के रूप में इस्तेमाल करते हैं.
4-शराब
डेट रेप के दौरान कई हमलावर शराब के साथ उन तीन दवाओं में से एक का इस्तेमाल करते हैं, जिनका ऊपर जिक्र किया गया है. शराब दवा के प्रभाव को बढ़ा सकता है. शराब के साथ उन दवाओं को देने से पीड़िता को बाद में सही से कुछ याद नहीं रहता कि उसके साथ क्या हुआ था.
*डेट-रेप ड्रग्स की पहचान -
1-जीएचबी
आमतौर पर एक लिक्विड होता है जिसे अन्य तरल पदार्थों के साथ मिलाया जा सकता है. यह पाउडर के रूप में भी आता है. न इसमें गंध होती है और न ही स्वाद होता है.
2-रोहिपनोल
यह एक सफेद गोली के रूप में आता था जिसमें गंध या स्वाद नहीं होता. अगर कोई इसे साफ पेय में डालता है, तो लिक्विड नीला हो जाता है.
3-केटामाइन
यह साफ लिक्विड होता है या एक सफेद पाउडर की तरह भी आता है जिसे अक्सर इंजेक्ट किया जाता है.
*डेट रेप ड्रग्स का आपके शरीर पर प्रभाव -
1- GHB आपको नींद में ले जा सकती है. इसके आलावा यह आपकी याददाश्त कमजोर बना सकती है. यह दवा दिल की धड़कन को कम कर सकती है. साथ ही कोमा का कारण भी बन सकता है. इसका प्रभाव 15 से 30 मिनट में शुरू होता है और 3 से 6 घंटे तक रहता है.
2-रोहिपनोल अधिक मात्रा में लेने पर यह आपकी मांसपेशियों को नियंत्रित करने के साथ ही भूलने की बीमारी का कारण भी बन सकता है. इसका प्रभाव आमतौर पर 30 मिनट के भीतर शुरू होता है और इसे लेने के लगभग 2 घंटे बाद इसका असर सबसे अधिक होता है. इसका 1 मिलीग्राम आपको 8 से 12 घंटे तक प्रभावित कर सकता है.
3-केटामाइन आपको मतिभ्रम या सुस्त महसूस करा सकता है. यह पेट की ख़राबी, उल्टी, उच्च रक्तचाप, आपकी हृदय गति में बदलाव, दौरे या कोमा का कारण भी बन सकता है. यह आमतौर पर 30 मिनट के भीतर प्रभावी होता है और एक या दो घंटे तक इसका असर रहता है.
*शिकार होने पर क्या करें ?
अगर आपको ड्रग्स दिया गया है और आपको लगता है कि आपके साथ गलत काम किया गया है यानी कि आपका रेप किया गया है तो सबसे पहले अपने घर के किसी सदस्य को इसकी जानकारी दें. और इसके अलावा स्थानीय पुलिस में शिकायत दर्ज कराएं, ऐसे में पुलिस जल्दी से जल्दी आपका यूरिन टेस्ट कराएगी, नहीं तो आप खुद ही मेडिकल में सम्पर्क कर अपना अति शीघ्र यूरिन टेस्ट कराएं. ये आपको पता होना चाहिए कि आपने कितना भी नशा किया हो, नशे में होने का मतलब यौन उत्पीड़न करने की इजाजत देना नहीं है. आपने कितना भी पी लिया हो या कितनी भी नशीली दवाएं ली हों, यौन उत्पीड़न में आपकी कभी भी गलती नहीं होती है. बाद में कई तरह की भावनाओं से गुजरना आम बात है. किसी ऐसे व्यक्ति से बात करें जिस पर आप भरोसा करते हैं या राष्ट्रीय यौन आक्रमण हॉटलाइन को 1-800-656-HOPE (4673) पर किसी भी समय, दिन या रात में कॉल करें. साथ ही, रेप भी अन्य अपराधों की तरह एक अपराध है जिसमें अपराध करने वाले को ही सजा मिलनी चाहिए न कि रेप की पीड़िता को इसलिए बिना डरे केस दर्ज कराएं.
शालिनी कौशिक
एडवोकेट
कैराना (शामली)
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