शुक्रवार, 15 अगस्त 2014

संघात्मक समीक्षा ---इन्द्रधनुष उपन्यास ......डा श्याम गुप्त ...

संघात्मक समीक्षा ---इन्द्रधनुष उपन्यास ......डा श्याम गुप्त ...


2 टिप्‍पणियां:

Unknown ने कहा…

समीक्षा पढ़ कर किताब को पड़ने की इच्छा हो रहीं हैं।पढ़ने का प्रयास अवश्य करूगा अगर बजार में मिल गई तो...

डा श्याम गुप्त ने कहा…

मेरे फास बुक पर तथा मेरे ब्लॉग ..हिन्दी हिन्दू हिन्दुस्तान पर उपलब्ध है....